सार
कोटा न्यूज। कोटा में हाल ही में आयोजित ईद मिलादुन्नबी कॉन्फ्रेंस में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें शादी के समारोहों में नाच-गाने और DJ बजाने पर रोक लगाने की बात की गई। तंजीम उलेमा और आइम्मा-ए-मसाजिद और ऑल इंडिया मिलाद काउंसिल यूनिट के तत्वाधान में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता मौलाना फजले हक और सैयद तफजलुर्रहमान ने की।
कॉन्फ्रेंस के दौरान उलेमाओं और मस्जिद के इमामों ने शादी समारोहों में नाच-गाने और DJ बजाने पर सख्त चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे समारोहों में निकाह को मान्यता नहीं दी जाएगी और इसके लिए तौबा और माफी के बाद ही निकाह का निर्णय लिया जाएगा। अगर इस निर्देश के बावजूद निकाह पढ़ाया गया तो निकाह पढ़ाने वाले का धार्मिक और सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
महिलाओं के जुलूस में शामिल होने पर पाबंदी
कॉन्फ्रेंस में शामिल मौलाना जिक्रुल्लाह और मौलाना सैयद कादरी ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। तंजीम के सचिव मौलाना कमरुद्दीन अशरफी ने सामाजिक सुधार के लिए DJ आतिशबाजी और महिलाओं के जुलूस में शामिल होने के खिलाफ पाबंदी की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से हम प्यारे आका की शिक्षाओं से भटक जाते हैं।
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क्फ़ संशोधन बिल 2024 को लेकर चर्चा
इसके अतिरिक्त, वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में भी विचार-विमर्श हुआ। उलेमाओं ने सुझाव दिया कि वक्फ में ऐसा कानून बनाया जाए जिससे उसकी आय बढ़े और इसका उपयोग समाज की शिक्षा और गरीबों की सहायता के लिए किया जाए। इस प्रस्ताव को मौलाना फजले हक, मौलाना सईद मुख्तार और अन्य प्रमुख उलेमाओं ने समर्थन दिया। कॉन्फ्रेंस के सह-संयोजक मोइनुद्दीन और जावेद जिलानी ने बताया कि इसी महीने आल इंडिया ईद मिलादुन्नबी कॉन्फ्रेंस दशहरा मैदान में आयोजित की जाएगी, जिसमें देश भर के उलेमा तकरीर करेंगे।
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