सार

राजस्थान के अलवर शहर में दिल दहलाने वाला एक्सीडेंट सामने आया है। एकलौते मामा भांजे की दर्दनाक हादसे में गई जान। 300 मीटर में फैले लाशों के चिथड़े चिथड़े जमा किए। पुलिस को देखकर गाड़ी छोड़कर भागा ड्राइवर। घटना के बाद घर में मचा भयंकर कोहराम।

अलवर, 29 मई. 35 साल का मामा और 13 साल का उसका भांजा सोमवार के दिन दोनों खुशी-खुशी बाइक पर घर से निकले थे। मामा अपनी बहन के यहां आया था। वहां आने के बाद 13 साल का भांजा मां से जिद करने लगा कि वह मामा के साथ नाना के घर जाएगा, उसे क्या पता था घर से निकलते ही सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर मौत इंतजार कर रही है। पूरा घटनाक्रम दिल दहला देने वाला है। दोनों मामा भांजे अपने घर के एकलौते थे। दर्दनाक हादसे के बाद घरो में कोहराम मचा हुआ है।

अजमेर से गुजरे दिल्ली-जयपुर हाइवे पर हुआ दर्दनाक हादसा

मामले की जांच कर रही अलवर शहर की बहरोड़ पुलिस ने बताया कि सोमवार के सवेरे करीब 10:00 बजे सड़क हादसा हुआ है। दिल्ली - जयपुर नेशनल हाईवे पर दहमी गांव के पास एक ट्रेलर ने बाइक सवार मामा और भांजे को कुचल डाला। ट्रेलर की रफ्तार काफी तेज थी। उसके आगे टायरों में बाइक फस गई और जब तक ट्रेलर रुका तब तक बाइक और बाइक पर सवार दोनों लोगों को करीब 300 मीटर तक घसीटा जा चुका था। बहरोड़ पुलिस ने बताया कि बाइक की हालत ऐसी हो गई जैसे वह कोई खिलौना हो। वही बाइक पर सवार 35 साल के महेश और 13 साल के निशांत की मौत हो गई। वहीं पुलिस को देखकर आरोपी ट्रक ड्राइवर अपना वाहन छोड़कर फरार हो गया।

एकलौते भांजा एकलौत मामा के साथ नानिहाल जाने की करने लगा जिद

दरअसल महेश अलवर के नीमराना कस्बे में रहने वाली अपनी चचेरी बहन रवीना से मिलने के लिए रविवार शाम को उसके घर गया था। शाम को आंधी तूफान का अंदेशा होने के कारण रवीना ने अपने भाई महेश को रोक लिया और कहा कि वह सवेरे चला जाए। महेश रात को वहीं रुक गया। सवेरे जागा और घर जाने के लिए तैयार हुआ तो 13 साल का भांजा निशांत भी मां और पिता से जिद करने लगा कि वह मामा महेश के साथ ननिहाल जाएगा। रवीना ने निशांत को मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना तो रवीना ने मामा और भांजे को एक साथ बाइक से रवाना कर दिया।

घर से 5 किमी दूर ही मिली खौफनाक मौत, घर में मचा कोहराम

दोनों जैसे ही घर से निकले और करीब 5 किलोमीटर दूर हाईवे पर आए वैसे ही एक ट्रेलर ने दोनों को कुचल दिया। पुलिस ने बताया कि महेश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। उसकी एक बहन और है। महेश कि कुछ समय पहले शादी हो चुकी है और उसका एक बेटा एवं बेटी है। उधर निशांत भी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। निशांत की एक बहन है जो आठवीं कक्षा में पढ़ रही है। एक ही झटके में परिवार के दो चिराग बुझने से परिवार खानदान में कोहराम मचा हुआ है।

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