सार
राजस्थान में 1800 से ज्यादा नेता विधायक बनने की रेस में शामिल हैं। नाम वापसी के बाद अब प्रत्याशियों की संख्या साफ हो गई है। नेता प्रचार में लगे हैं लेकिन बड़े दलों के सामने बागी नेता बड़ी समस्या है।
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है। आज से राजस्थान में नेताओं ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार तेज कर दिया है। राजस्थान की 200 विधानसभा में कुल 1875 प्रत्याशी मैदान में है इनमें 1692 पुरुष जबकि 183 महिलाएं हैं। राजस्थान में 490 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने अपने नामांकन वापस ले लिए।
पार्टियों के सामने बागी नेता समस्या
अब भले ही नेता और पार्टियां खुद की जीत के दावे कर रही हो लेकिन पार्टी के सामने खुद के बागी नेता ही चुनौती बने हुए हैं। भाजपा के सामने 17 ऐसे बागी नेता है जो पार्टी के प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस में यह आंकड़ा 22 हो चुका है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों को अब चुनाव में इनकी वजह से भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
इन सीटों पर समस्या गंभीर
यदि शिव विधानसभा की तो यहां बागी हुए रविंद्र सिंह पूरे गेम को बिगाड़ सकते हैं इसी तरह बसेड़ी में निर्दलीय खिलाड़ी लाल बैरवा, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ में जौहरीलाल मीणा, चित्तौड़गढ़ में चंद्रभान सिंह आक्या, शाहपुरा में आलोक बेनीवाल, बाड़मेर में प्रियंका चौधरी और सांचौर में जीवाराम चौधरी कई ऐसे नेता हैं जो कांग्रेस और भाजपा दोनों के प्रत्याशियों को यहां आसानी से नहीं जीतने देंगे।
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बागियों को मनाने में लगी हैं दोनों पार्टियां
हालांकि राजनीतिक गलियों में चर्चा है कि राजनीतिक पार्टियों लगातार अपने बागी नेताओं को मनाने में जुटी है। कुछ मान भी जा रहे लेकिन फिर भी बड़ी नुकसान हो सकता है। अब राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान होना है और इसके बाद 3 दिसंबर को मतगणना होगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा में इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।