सार

आज नाग पंचमी है। इस मौके पर आज हम आपको राजस्थान के उदयपुर में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जो फैसला सुनाने के लिए जाना जाता है।

नाग पंचमी। राजस्थान के उदयपुर इलाके की सलूंबर क्षेत्र में स्थित वीरपुरा ग्राम पंचायत में नाग देवता का गातोड़जी नाम का एक ऐसा भी मंदिर है, जहां सच और झूठ का फैसला किया जाता है। ये इलाके के लोक देवता के रूप में प्रसिद्ध है। आसपास के लोग चोरी सहित अन्य घटनाओं को सुलझाने के लिए आते हैं। इस दौरान पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों को यहां बुलाया जाता है। फैसला करने के लिए सबसे पहले सवाल जवाब होते हैं। इसके बाद प्रतिवादी पक्ष को केसर पिलाई जाती है, जिसे पीने का मतलब होता है कि आप फैसले के लिए सहमत है और आपने जो बात बताई है वह 100% सही है। बाद में आरोपी पक्ष से सवाल जवाब करके उसे भी केसर पिलाई जाती है।

मान्यता है कि केसर पिलाने के बाद 5 से 10 दिन का समय दिया जाता है। अगर किसी ने भी कोई गलती की है तो इस अवधि के दौरान उसे शारीरिक रूप से नुकसान होता है। इस मंदिर में अप्रैल 2006 से मोहनलाल शर्मा पूजा कर रहे हैं। वो बताते हैं-"आसोज की नवरात्रि में यहां पर मेला भी लगता है।"

गातोड़जी मंदिर में लगाया जाता है केसर दूध का भोग 

गातोड़जी मंदिर में लोक देवता को हमेशा केसर के दूध का भोग लगाया जाता है। जो श्रद्धालु यहां पूजा करने के लिए आता है, वो अपने साथ केसर और दूध को लेकर आता है। वहीं इस गांव का नाम वीरपुरा पड़ने का भी एक कारण है ये है कि गुजरात से चार विप्र परिवार रहने के लिए आए थे। जिसके चलते इसका नाम वीरपुरा पड़ गया। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के रास्ते कोई ज्यादा सुगम नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी रोजाना हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। रविवार को तो यहां पर करीब 5 से 10 हजार लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

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