सार
रविवार सुबह हवन और मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। बता दें कि 900 करोड रुपए की लागत से बनी संसद भवन को राजस्थान के 7 शहरों के खूबसूरत पत्थरों से बनाया गया है।
जयपुर. नई संसद भवन बनकर तैयार हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य लोगों ने उसका उद्घाटन कर दिया है । संसद भवन के निर्माण के बाद आज मौका है पूरे राजस्थान के लिए खुद पर और पूरे राजस्थान पर गर्व महसूस करने का। दरअसल 900 करोड रुपए की लागत से बनी संसद भवन को पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए सामान से बनाया गया है। संसद भवन में राजस्थान से जो निर्माण सामग्री गई है वह है अलग-अलग रंग के पत्थर ।
राजस्थान के लाल-हरे खूबसूरत पत्थरों से बना है भारत का नया संसद भवन
दरअसल, राजस्थान के अलग-अलग जिलों से निकलने वाले अलग-अलग रंग के पत्थर नई संसद भवन की शोभा बढ़ा रहे हैं। नई विधानसभा भवन में राजस्थान का लाल पत्थर , हरा पत्थर , मार्बल पत्थर और अन्य तरह के स्टोन लगाए गए हैं। जिसे राजस्थान के ही कारीगरों ने नक्काशी से संवारा और संजोया है। आपको बताते हैं कि राजस्थान के कौन-कौन से शहर की मौजूदगी 900 करोड रुपए से बने हुए इस संसद भवन में है.....
नए संसद भवन में लगा है राजस्थान के इन 7 शहरों का पत्थर
दरअसल राजस्थान के धौलपुर जिले में आने वाले सरमथुरा इलाके से लाल और सफेद रंग का सेंड स्टोन निकलता है । यह इतना रेयर पत्थर है कि पूरे देश में इसकी तगड़ी डिमांड है । संसद भवन के लिए भी यहां से कई टन पत्थर भेजा गया है । अब बात राजस्थान के राजनगर कस्बे की, राजनगर कस्बा जहां पर पत्थर में जाली करने का काम किया जाता है । राजनगर के कारीगरों ने संसद भवन के गलियारों और झरोखों में लगाए गए पत्थरों में जाली और छोटी खिड़कियां उकेरी हैं ।
नए संसद में उदयपुर के केसरियाजी का योगदान
अब आपको उदयपुर लेकर चलते हैं, उदयपुर के केसरियाजी क्षेत्र से निकलने वाला ग्रीन स्टोन बहुत कम मात्रा में निकलता है , लेकिन दिल्ली में बने नए संसद भवन में इसकी मौजूदगी भी दर्ज कराई गई है । कई हिस्सों में ग्रीन स्टोन लगाया गया है , जिसकी क्वालिटी बेहद शानदार है ।
जैसलमेर से नए संसद भवन का योगदान
इसके अलावा राजस्थान के जैसलमेर जिले से भी कुछ निर्माण सामग्री नए संसद भवन में लगाई गई है। राजस्थान के उदयपुर से दूध से सफेद संगमरमर भी संसद भवन में लगाया गया है । उदयपुर के अंबाजी क्षेत्र से निकलने वाला यह मार्बल पत्थर ऑनडिमांड रहता है और इसकी सप्लाई पूरी नहीं हो पाती। कुछ पत्थर राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित कोटपुतली इलाके से भी मंगवाया गया है।
सिरोही के खूबसूरत पत्थर को नए संसद की नक्काशी
पत्थर पर नक्काशी करने के लिए जाना जाने वाला राजस्थान का सिरोही जिला नए संसद भवन में अपनी मौजूदगी दर्शा रहा है । दरअसल सिरोही के आबूरोड और उदयपुर जिले के कुछ इलाकों में पत्थर पर नक्काशी करने वाले कारीगर रहते हैं । उन्होंने बड़े-बड़े पत्थरों पर शानदार नक्काशी की है । इन पत्थरों को 900 करोड़ रुपए की लागत से बने संसद भवन में लगाया गया है ।
संसद भवन के मस्तक पर लगा अशोक जयपुर में बना
इसके अलावा राजस्थान के लिए सबसे ज्यादा फक्र करने की जो बात है वह है अशोक चिन्ह संसद भवन के मस्तक पर लगाया हुआ , अशोक प्रतीक जयपुर से बनवाया गया है । संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भी विवाद चल रहा है । देश की राजनीतिक पार्टियों में आने वाले आधे से ज्यादा दलों ने संसद भवन की उद्घाटन सेरेमनी में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। संसद भवन और आसपास के क्षेत्र में होने वाले निर्माण को सेंट्रल विस्टा का नाम दिया गया है और इसकी लागत 26 करोड रुपए बताई गई है।