सार

राजस्थान में माता-पिता द्वारा बेटियों को लीज पर देने के चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। कर्ज चुकाने के लिए कम उम्र की लड़कियों को बेचने का ये घिनौना सौदा कई जिलों में फैला है, जिससे पुलिस और सामाजिक संगठन चिंतित हैं।

जयपुर. खबर राजस्थान से है और हैरान करने वाली है। समय-समय पर पुलिस एक्शन ले रही है, लेकिन इस तरह के मामले इतने गोपनीय तरीके से डील किया जा रहे हैं कि पुलिस तक को सूचना नहीं मिल पा रही है । दरअसल राजस्थान के कई शहरों में प्रॉपर्टी की तरह बेटियों को किराए पर दिया जा रहा है और किराए पर देने वाले और कोई नहीं उनके माता-पिता है । जो कुछ रुपए के लालच में अपनी बेटियों का सौदा कर रहे हैं। इस तरह के कई मामले अलग-अलग शहरों से सामने आ रहे हैं । अधिकतर केस में ग्रामीण अंचल में रहने वाले परिवार ज्यादा है। बताया जा रहा है इस तरह के केस दो या तीन नहीं 10 शहरों में है।

कुछ महत्वपूर्ण मामले सामने है...

राजस्थान के झालावाड़ जिले में रहने वाली 8 साल की बच्ची को 2020 में ₹300000 की लीज पर बूंदी जिले में रहने वाले एक शख्स को सौंप दिया गया था। यह बच्ची को नशा देकर उससे रेप करता था। साल 2021 में एक एनजीओ ने बच्ची को रेस्क्यू किया और उसे रेस्क्यू सेंटर लाया गया। वह इतनी तनाव में थी 6 महीने तक उसकी तबीयत बिगड़ी रही। अब वह धीरे-धीरे सही हुई तो उसके माता-पिता उसे लेने पहुंचे। पता चला ₹300000 का कर्ज उतारने के लिए कर्ज देने वाले को ही पिता ने उसे दे दिया था ।

18 लाख के कर्ज में बेंच दी 15 साल की बेटी

इसी तरह का दूसरा मामला राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित एक गांव से सामने आया। यहां करीब 15 साल की लड़की को उसकी मां ने 18 लख रुपए का कर्ज उतारने के लिए आगरा के दलाल को सौंप दिया । दलाल ने उसे चकला सेंटर पर बिठा दिया। लड़की के साथ हर रोज रेप होता और जो पैसा मिलता उसमें से आधा पैसा दलाल रखता, आधा पैसा लड़की अपने घर भेजती।‌ एक एनजीओ की मदद से 2024 में ही बच्ची को रेस्क्यू किया गया है ।

भीलवाड़ा में बेची गई 13 साल की लड़की

इसी तरह का एक मामला राजस्थान के भीलवाड़ा शहर से भी सामने आया । गांव में रहने वाली 13 साल की लड़की को उसके माता-पिता ने एक बार नहीं तीन बार लीज पर भेजा। पहले उसे ग्वालियर में डेढ़ लाख रुपए में बेचा गया।‌ उसके बाद सवाई माधोपुर जिले में ₹500000 में एक शख्स को सौंप दिया गया। उसके बाद 3 साल के लिए नागपुर शहर में रहने वाले एक आदमी को अपनी बेटी दे दी । पुलिस ने लड़की को बचाया है और उसकी हालत बुरी है ।

लड़की का यह सौदा ऑन पेपर

सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकतर मामलों में सौदा ऑन पेपर यानी दस्तावेज के आधार पर होता है। अधिकतर लोगों की डिमांड कम उम्र की लड़कियां होती है, अगर लड़की भागती है या वापस अपने माता-पिता के पास पहुंचती है तो माता-पिता की यह जिम्मेदारी होती है जब तक लीज पूरी ना हो लड़की को वापस भेजें।

राजस्थान के इन जिलों में होती है यह डील

बांसवाड़ा, डूंगरपुर , भरतपुर , भीलवाड़ा, बूंदी जैसे कई शहरों में राजस्थान पुलिस सामाजिक संगठनों की मदद से कई तरह के सामाजिक सुधार कार्यक्रम चल रही है। लेकिन उसके बावजूद भी इस तरह के केस सामने आ रहे हैं।