सार

मोदी 28 जनवरी को राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित भगवान श्री देवनारायण जी के 1111वें ‘अवतरण महोत्सव’ समारोह को संबोधित किया। वहां पहुंचने के बाद वे पैदल यात्रा करते हुए देवनारायण के दर्शन-पूजा और हवन करने के बाद सभा को संबोधित किया।

भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी को राजस्थान के भीलवाड़ा में भगवान श्री देवनारायण जी के 1111वें ‘अवतरण महोत्सव’ समारोह को संबोधित करने पहुंचे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि थे। भगवान श्री देवनारायण जी राजस्थान के लोगों के पूज्य हैं और उनके अनुयायी देश भर में फैले हुए हैं। विशेष रूप से सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए उनका सम्मान किया जाता है। pic.twitter.com/niUx4xAqgQ

 

भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी में जुटा हुजूम, मोदी ने हाथ लहराकर किया अभिवादन

पीएम मोदी का भाषण सुनने भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यहां मोदी ने कहा-यहां कोई PM नहीं आया, मैं पूरे भक्ति भाव से एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं। अभी मुझे यज्ञशाला में पूर्ण आहुति देने का सौभाग्य मिला। मेरे लिए ये भी सौभाग्य का विषय है कि मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायण का आशिर्वाद लेने का पुण्य मिला।भारत को भी भौगेलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए। लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई। भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति है। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं, परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं।

भगवान देवनारायण के दर्शन करके धन्य हुआ

मोदी ने कहा-भगवान देवनारायण और जनता जनार्दन का दर्शन कर मैं धन्य हो गया हूं। भारत के हम लोग, हजारों साल पुराने अपने इतिहास अपनी सभ्यता पर गर्व करते हैं। भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई। इसी लिए भगवान देवनारायण लोकजीवन में परिवार के मुखिया की तरह हैं। उन्होंने हमेशा सेवा और जन कल्याण को सर्वोच्चता दी। श्री देवनारायण जी भगवान ने समाज में समरसता के भाव को फैलाया, समाज को एकजुट किया, एक आदर्श व्यवस्था कायम करने की दिशा में काम किया। यही कारण है कि समाज के हर वर्ग में उनके प्रति श्रद्धा और आस्था है।

भगवान देवनारायण जी ने जो रास्ता दिखाया, वो सबके साथ है

मोदी ने कहा-भगवान देवनारायण एक अच्छे परिवार से आते थे, लेकिन उन्होंने विलासितापूर्ण जीवन को त्याग कर लोगों की सेवा करना चुना और अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया।

भगवान देवनारायण जी ने जो रास्ता दिखाया हैं वो सबके साथ से...सबके विकास का है। आज देश इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। हम भी 'वंचितों को वरीयता' का मंत्र लेकर चल रहे हैं। इसीलिए आज मुफ्त राशन मिल रहा है, मुफ्त इलाज मिल रहा है, गरीब को घर.. टॉयलेट.. गैस सिलेंडर को लेकर चिंता रहती थी उसको भी हम दूर कर रहे हैं। गरीबों के बैंक खाते खुल रहे हैं।

पानी का महत्व राजस्थान से बेहतर कौन जानता है

मोदी ने कहा-पानी के महत्व को राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है लेकिन आजादी के अनेक दशक बाद भी, देश के केवल 3 करोड़ परिवारों तक ही नल से जल की सुविधा थी। 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था लेकिन अब 11 करोड़ से अधिक परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है। आज पूरे देश में 'गोबर धन' योजना भी चल रही है जोकि गोबर सहित खेती से निकलने वाले 'कचरे को कंचन' में बदलने का अभियान है। हमारा पशुधन हमारी परंपरा और आस्था का ही नहीं बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत हिस्सा है। इसीलिए देश में पहली बार पशुपालकों के लिए भी 'किसान क्रेडिट कार्ड' की सुविधा दी गई है।

ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है... उस से हमें दूर रहना

मोदी ने कहा-पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर मैंने पंच प्राणों का पालन करने का आग्रह किया था। इसका उद्देश्य हमारी समृद्ध विरासत पर गर्व करना और औपनिवेशिक मानसिकता को दूर करना और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी याद रखना है। ये प्रेरणा स्थली भारत के अनेक गौरवशाली पलों की साक्षी रही है। यहां के महापुरुषों, जननायकों, लोकदेवताओं और समाज सुधारकों ने हमेशा ही देश को रास्ता दिखाया है।

राजस्थान धरोहरों की धरती है... यहां सृजन है, उत्साह और उत्सव है, परिश्रम और परोपकार है... शौर्य यहां घर-घर का संस्कार है। रग और राग राजस्थान के पर्याय हैं। इतना ही महत्व यहां के जन-जन के संघर्ष और संयम का भी है। लेकिन नया भारत अतीत की गलतियों को सुधार रहा है और भारत की विरासत की रक्षा करने वाले लोगों को प्रचारित किया जा रहा है। गुर्जर समुदाय की नारी शक्ति का देश और इसकी विरासत में व्यापक योगदान है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन प्रमुख हस्तियों के योगदान को इतिहास में उचित सम्मान नहीं दिया गया। राजस्थान का हमारा गुर्जर समाज शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र रक्षा हो या संस्कृति की रक्षा... इस समाज ने हमेशा देश के प्रहरी की भूमिका निभाई है। हमारे गुर्जर समाज की नई पीढ़ी भगवान देवनारायण के संदेशों और शिक्षाओं को आगे बढ़ाएं। आज का भारत... 'नया भारत' बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा है। भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उमीदों से देख रही है। आज भारत डंके की चोट पर अपनी बात कह रहा है, भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है। ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है... उस से हमें दूर रहना है।

नया भारत दशकों की भूलों को सुधार रहा है

आज का भारत... 'नया भारत' बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा है। भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उमीदों से देख रही है। हम कड़ा परिश्रम करेंगे, सब मिल कर करेंगे और सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त हो कर ही रहेगी। मैं समाज का बहुत आभारी हूं कि उसने मुझे एक भक्त की तरह यहां बुलाया। समाज की शक्ति और समाज की भक्ति ने मुझे प्रेरित किया और मैं आज यहां पहुंच गया।

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यह भी जानें मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (28 जनवरी) राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित भगवान श्री देवनारायण जी के 1111वें ‘अवतरण महोत्सव’ समारोह को संबोधित किया। वहां पहुंचने के बाद वे पैदल यात्रा करते हुए देवनारायण के दर्शन-पूजा और हवन करने के बाद सभा को संबोधित किया।

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मोदी का यह दौरा राजनीति दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री का यह पूरा दौरा आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है। गुर्जरों के लोक देवता ही भगवान देवनारायण है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के गुर्जर वोट बैंक को अपने खेमे में डालने की कोशिश कर रही है। 2018 के चुनाव में भाजपा के कई दिग्गज गुर्जर नेता हार गए थे। समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया था। गुर्जर वोट बैंक की राजनीति 40 विधानसभा और 12 लोकसभा सीटों को प्रभावित करती है। राजस्थान में 10 महीने बाद चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान में मानगढ़ धाम और माउंट आबू आ कर गए थे।

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