सार
जयपुर. वर्तमान समय में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसिंग कौन नहीं करता। सभी को सोशल मीडिया पर रील बनाने या सोशल अपडेट्स पोस्ट करने में दिलचस्पी रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं अब प्रदेश सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करवाएगी।
सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स होना है जरूरी
प्रदेश सरकार ने इसके लिए नव प्रसारक नीति जारी की है। इस योजना में जुड़ने वाले नव प्रसारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की अवधारणा के अनुरूप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब कल्याण की सोच को साकार करने के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाएंगे। इसके लिए प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को दो श्रेणियां में बांटा गया है। जिसमें A श्रेणी में एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स वाले, जबकि B श्रेणी में काम से कम 7 हजार से 1 लाख सब्सक्राइबर या फॉलोअर होना जरूरी है।
कंटेंट क्रिएशन, एडिटिंग स्किल भी सीखने का मौका
सरकार द्वारा इनका चयन करने के बाद में जिला मुख्यालय पर स्थित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर मेंटर के रूप में निगरानी रखी जाएगी। इतना ही नहीं विभाग के द्वारा इन लोगों को कंटेंट क्रिएशन,एडिटिंग, सोशल मीडिया मैनेजमेंट सहित विभिन्न तरह के स्किलस भी सिखाए जाएंगे।
इनफ्लुएंसर्स को कितना भुगतान किया जाएगा?
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को रोजाना अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर एक पोस्ट अपलोड करनी होगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार के सोशल मीडिया हैंडल्स पर जो पोस्ट अपलोड की जाती है उसे रीपोस्ट या शेयर करना होगा। हालांकि अभी तक सरकार के द्वारा यह नहीं बताया गया कि चयन किए गए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को इसके बदले में कितना भुगतान किया जाएगा। लेकर बात करें पिछली कांग्रेस सरकार की तो उसमें भी सरकार ने अंतिम साल में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करवाया था। जिसके बदले उन्हें भुगतान भी किया गया था।
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