सार

राजस्थान बड़े-बड़े डॉक्टर अमीर मरीजों के लिए गरीबों के अंगों की तस्करी करके विदेश भेजकर मोटी रकम वसूलते थे।राजस्थान से शुरू हुआ यह खेल हरियाणा तक जा पहुंचा है। दलाल ट्रांसप्लांट के लिए गरीब मरीज को तलाश करके इनके पास लाते थे।

जयपुर. बिना जरूरी दस्तावेजों और नियमों की अवहेलना कर अंग प्रत्यारोपण का बड़ा खेल राजस्थान में हुआ है। विदेशी मरीजों के लिए अंग प्रत्यारोपण करने के लिए सभी नियमों को तांक पर रख दिया गया। गरीबों के शरीर से अंग निकाले गए और विदेशी मरीजों से मोटी रकम लेकर उन्हें लगा दिए गए। इस खेल का खुलासा राजस्थान में होने के बाद अब पहली बार दो डॉक्टर अरेस्ट किए गए हैं। दोनो डॉक्टर फोर्टिस अस्पताल के हैं। इससे पहले इस मामले में अस्पताल स्टाफ समेत 11 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

इन बड़े डॉक्टरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुलिस ने शनिवार रात नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी और न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया है। इससे पहले शुक्रवार को फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भानु लववंशी को गिरफ्तार किया गया था। भानु से पूछताछ के बाद ही दोनो डॉक्टर्स को अरेस्ट किया गया है।

दलालों के संपर्क में रहता था नर्सिंगकर्मी, अंग मिलते ही सर्जरी करते थे डॉक्टर

आईपीएस और डीसीपी ईस्ट कावेन्द्र सागर ने बताया कि केस बड़ा है। फिलहाल दो डॉक्टर्स समेत 13 लोग अरेस्ट किए गए हैं। इनमें कई दलाल शामिल हैं। फोर्टिंस अस्पताल से जिस मेडिकल स्टाफ भानु को अरेस्ट किया गया था, वह दलालों के संपर्क में रहता था। उसके बाद अवैध तरीके से शरीर के अंग ट्रांसप्लाइंट करने का काम मैनेज करता था। उसके बाद दोनो डॉक्टर्स अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर अवैध तरीके से सर्जरी करते थे और फिर मरीजों को अस्पताल के नजदीक ही किराये के कमरों में रखते थे। वहां तीन से चार महीने तक उनकी पर्सनल देखभाल करते थे और इस काम के लिए बहुत मोटा पैसा लेते थे। यह पैसा लाखों रुपए होता था। दोनों डॉक्टर सर्जन हैंण् डॉक्टर जितेंद्र और डॉक्टर संदीप गुप्ता फोर्टिस अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी किया करते थे।

राजस्थान से शुरू हुआ यह खेल हरियाणा तक जा पहुंचा

उल्लेखनीय है कि राजस्थान से शुरू हुआ यह खेल हरियाणा तक जा पहुंचा है। हरियाणा से भी पुलिस ने कुछ दलाल पकड़े थे जो बाद में राजस्थान पुलिस को सौंप दिए गए थे। ये दलाल ट्रांसप्लांट के लिए गरीब मरीज तलाश करते, उनके अंग निकाले जाते और उसके बाद धनवान मरीजों के ये अंग लगाए जाते। इन मरीजों में विदेश से आने वाले सैंकड़ों मरीज शामिल हैं।