सार
जोधपुर में होम वोटिंग के लिए एक घर में गई टीम असमंजस में पड़ गई। उस घर में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी लेकिन फिर भी बुजुर्ग ने वोट डाला फिर अंतिम संस्कार किया।
जोधपुर। पहली बार चुनाव आयोग ने बुजुर्ग और अक्षम्य लोगों के लिए घर से मतदान की प्रक्रिया शुरू की है और इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। यह प्रक्रिया 21 नवम्बर तक जारी रहने वाली है। इसके तहत बुजुर्गों के पास मशीनरी और दस्तावेज लेकर अधिकारी खुद जा रहे हैं और घर पर ही उनका मतदान करवा रहे हैं। इस बीच जोधपुर से जो तस्वीर सामने आई है उसने सभी को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि इस बुजुर्ग ने देश के हर नागरिक के सामने एक नजीर भी पेश की है।
पत्नी के शव के सामने बैठ बुजुर्ग ने किया मतदान
शनिवार सुबह जोधपुर में मतदान कराने अफसरों की टीम जब एक घर पहुंची तो पता चला कि यहां एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है इसपर मतदान कर्मी ठिठक गए। वे अंदर ही नहीं जा रहे थे। बाद में जब मृत महिला के पति से मतदान के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मतदान जरूरी है और वह अपना वोट करना चाहते हैं। बुजुर्ग ने अपनी पत्नी के शव के पास ही बैठे हुए मतदान किया।
मतदान कर्मी घर पहुंचे तो चल रही थी अंतिम संस्कार की तैयारी
जोधपुर जिले के ग्रामीण इलाके में स्थित लुणावास कलां गांव में रहने वाले सरदार राम और उनकी पत्नी लहरी देवी ने होम वोटिंग के लिए आवेदन किया था। इस दौरान दल शुक्रवार को उनके घर पहुंचा। पता चला कि लहरी देवी की कुछ समय पहले मौत हो गई है और घर में अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थी। व्यथित सरदार राम अपनी पत्नी के शव के पास बैठे हैं।
बुजुर्ग बोले, पत्नी होती तो वह भी जरूर वोट देतीं
ऐसे में मतदान दल को अंदर आने से ही थोड़ा अजीन लगने लगा कि इस तरह के मौके पर कैसे अंदर जाया जाएं। लेकिन परिवार के सदस्यों ने सरदार राम को मतदान करने के लिए पूछा तो वह तैयार हो गए। उन्होंने मतदान किया और कहा कि पत्नी का देहांत हो गया है, नहीं तो वे भी जरूर मत देतीं।
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पूरे राजस्थान में मतदान का 85 प्रतिशत होम वोटिंग हुई है। इस दौरान मतदान के लिए अप्लाई करने वाले और मत नहीं डाल पाने वाले 709 बुजुर्गों की मौत हो चुकी है। मतदान दल उनके यहां पहुंचा तो अधिकतर के घरों में अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं।