Rajasthan government yojana : इस समय पूरे राजस्थान में भजनलाल सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में एक और महत्वपूर्ण पहल "जन रो हक, जन रे दूर" की चर्चा हो रही है। जिससे सीमा और जमीन संबंधी विवाद खत्म हो रहे हैं।
Rajasthan government yojana : राजस्थान सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में एक और महत्वपूर्ण पहल "जन रो हक, जन रे दूर" ने राज्यभर में आमजन को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान के तहत हजारों की संख्या में लंबित राजस्व संबंधी प्रकरणों का शिविरों के माध्यम से निस्तारण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सीमांकन के 60,716, सहमति विभाजन के 26,858, रास्तों से जुड़े 31,848 और नामांतरण के 1.32 लाख से अधिक मामलों का समाधान सफलतापूर्वक किया गया है। यह न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के आमजन को त्वरित न्याय और राहत मिल रही है।
जमीन संबंधी विवाद का फैसला मौके पर
राजस्व विभाग के अनुसार, इन शिविरों में लोगों की समस्याएं सुनकर मौके पर ही निर्णय लिए जा रहे हैं। इसके चलते वर्षों से अटके हुए जमीन संबंधी विवाद अब तेजी से सुलझ रहे हैं। नामांतरण के मामलों में तेजी लाना खास तौर पर किसानों और जमीन खरीदने-बेचने वालों के लिए राहतकारी साबित हुआ है।
क्या है जन रो हक, जन रे दूर योजना
मुख्यमंत्री शभजनलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आमजन को उनके अधिकार समय पर और बिना किसी अड़चन के मिलें। इसी सोच के साथ "जन रो हक, जन रे दूर" जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे सरकारी तंत्र पर आम लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। शिविरों में न केवल दस्तावेजों का निपटान हो रहा है, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच संवाद भी मजबूत हो रहा है। यह पहल भविष्य में भी प्रदेशभर में राजस्व मामलों को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
