सार
जम्मू कश्मीर में हुई आतंकी मुठभेड़ में राजस्थान के दो जवान शहीद हो गए थे। बुधवार को उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान शहीद की पत्नी ने अपनी चूड़ियां तोड़ी तो हर किसी की आंखें नम हो गई।
झुंझुनू. राजस्थान में झुंझुनू जिले में बुधवार को दो शहीदों को अंतिम विदाई दी गई। हालांकि दोनों अलग अलग गांव के रहने वाले थे। ऐसे में एक साथ दो गांवों में शहीदों का अंतिम संस्कार किया गया। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार के दौरान जो तस्वीरें सामने आई। वह हर किसी को रूला रही थी। क्योंकि दोनों ही शहीदों की उम्र काफी कम थी। उनकी हालही शादी हुई थी।
शहीद की अर्थी पर तोड़ी चूड़ियां
4 साल के बेटे ने दादा की गोद में से पिता को देखा, जो तिरंगे में लेटे हुए थे, पूछा.... बाबा मेरे पापा कब आएंगे। ये सुनकर सब रोने लगे, कोई भी अपने आंसू नहीं रोक सका। फिर इसी छोटे से मासूम बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी। झुंझुनू के शहीद विजेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार कर हो गया है। इससे पहले पूरे गांव में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई थी। इस दौरान विजेंद्र सिंह अमर रहे के नारे लगाए गए।
सैन्य सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार
शहीदों का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। 4 साल के बेटे विहान ने शहीद विजेंद्र सिंह को मुखाग्नि दी। विजेंद्र 2018 में सेना में भर्ती हुए थे, 2024 में उनका करियर और जीवन दोनों खत्म हो गया है। परिवार का कहना था बेटा छुट्टी लेकर आ रहा था , लेकिन सुरक्षा के लिए उसकी छुट्टियां टाल दी, अगर वह हमसे मिलने आ जाता तो उसकी जान बच जाती। शाहीद विजेंद्र सिंह झुंझुनू जिले के सिंघाना थाना इलाके में स्थित डूमोली गांव के रहने वाले थे। विजेंद्र के छोटे भाई दशरथ ने भाभी को भाई की अर्थी पर ले जाकर वही चूड़ियां उतरवायी, गांव में यह एक प्रथा होती है।
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अजय सिंह को दी अंतिम विदाई
झुंझुनू जिले के ही दूसरे शहीद अजय सिंह को भी अंतिम विदाई दे दी गई है। उनकी शादी महज 3 साल पहले हुई थी। वे 2018 में ही सेना में भर्ती हुए थे और 2024 में उनकी जान आतंकी हमले में चली गई। उनके परिवार की अधिकतर लोग सेना में है। कुछ शहीद हो गए हैं, कुछ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। आज जब अजय सिंह की पार्थिव देह उनके गांव पहुंची तो पिता देखकर बिलख पड़े। मां बेहोश हो गई, बहन ने भी दम तोड़ दिया। दोनों को अस्पताल ले जाया गया। आर्मी के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं एवं प्रशासनिक अफसर ने मिलकर अजय सिंह को अंतिम विदाई दी। शहीद अजय सिंह अमर रहे के नारों से पूरा गांव गूंज गया।
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