सार

राजस्थान (Rajasthan) की प्रेरणा की कहानी वास्तव में प्रेरणा देने वाली है। पिता की मौत के बाद भी उनसे किए गए वादे को निभाने के लिए बेटी ने जी जान झोंक दी और जब तक डॉक्टर नहीं बन गई।

Rajasthan Kota Auto driver daughter Clear neet exam: राजस्थान (Rajasthan) की प्रेरणा की कहानी वास्तव में प्रेरणा देने वाली है। पिता की मौत के बाद भी उनसे किए गए वादे को निभाने के लिए बेटी ने जी जान झोंक दी और जब तक डॉक्टर नहीं बन गई, तक तक मेहनत जारी रखी। ईमानदारी से की गई मेहनत का परिणाम अब परिवार को सुकून दे रहा है। ऑटो चलाने वाले पिता (Auto driver daughter) तो इस दुनिया में नहीं है लेकिन बेटी के कारनामे ने उन्हें अमर कर दिया है। दरअसल इन दिनों पूरे देश में नीट परीक्षा का मामला तूल पकड़े हुए है। परीक्षा को रद्द करवाने की मांग की जा रही है। लेकिन इसी बीच राजस्थान का कोटा (Kota) शहर आज फादर्स डे (Father's Day) पर काफी सुर्खियों में है। यहां की रहने वाली प्रेरणा और उनकी मां माया कंवर की कहानी को हर कोई याद कर रहा है

प्रेरणा सिंह मूल रूप से कोटा शहर की रहने वाली है। जिसके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत होने के दौरान परिवार पर 27 लाख रुपए का कर्ज हो चुका था। मां माया कंवर को हर महीने केवल 500 रुपए की पेंशन मिलती थी। यह पैसे भी घर खर्चे में चले जाते। ऐसे में लोन के पैसे कैसे चुकाए। लोन के पैसे नहीं चुके तो घर भी नीलाम हो गया। इसके बाद परिवार के सामने एक बार तो संकट खड़ा हो गया लेकिन प्रेरणा ने बिल्कुल भी हार नहीं मानी। और लगातार अपनी मेहनत में लगी रही। घर में रहकर ही उसने रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई की। जिसका नतीजा निकला कि पहले प्रयास में ही वह अच्छे नंबरों से पास हुई।

मां की वजह से हासिल किया मुकाम

प्रेरणा बताती है कि अगर उनकी मां साथ नहीं देती तो वह जीवन में कुछ नहीं कर पाती। परिवार में ऐसी हालत होने के बाद भी मां ने हमेशा साथ दिया और उसी के चलते आज मैं इस मुकाम तक पहुंची हूं। इन्होंने साल 2022 में नीट का एग्जाम पास किया। जिसमें इन्हें 720 में से 686 अंक मिले थे। इन्होंने 1033 वीं रैंक ऑल इंडिया लेवल पर हासिल की थी। भले ही इनका रिजल्ट 2 साल पहले का हो लेकिन उनके संघर्ष की कहानी आज भी लोगों को याद है।

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