Rajasthan Mnrega News : राजस्थान में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए सरकार ने नया नियम और नई शर्तें लागू कर दी हैं। बारिश के मौसम की वजह से समय में बदलाव किया है।

Rajasthan News : चित्तौड़गढ़ जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाले लाखों श्रमिकों के लिए समय का नया नियम लागू हो गया है। जिला कलेक्टर और ईजीएस के जिला कार्यक्रम समन्वयक आलोक रंजन ने जानकारी दी कि मानसून की परिस्थितियों को देखते हुए 16 जुलाई 2025 से नया कार्य समय लागू कर दिया गया है।

अब दोपहर तक नहीं, शाम तक चलेगा फावड़ा

गर्मी के दिनों में जब सूरज की तपिश चरम पर होती थी, तब श्रमिकों को सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक बिना किसी विश्राम के काम करना होता था। लेकिन अब मानसून की शुरुआत और ठंडक भरे मौसम को देखते हुए काम का नया समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक तय किया गया है, जिसमें दोपहर 1 से 2 बजे तक एक घंटे का विश्राम शामिल है। यह बदलाव न केवल श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है, बल्कि इससे श्रमिकों को मौसम के अनुकूल वातावरण में काम करने का मौका भी मिलेगा।

टास्क पूरा करने के लिए रखी एक शर्त 

 नई व्यवस्था में सबसे दिलचस्प बात यह है कि अगर कोई श्रमिक समूह निर्धारित टास्क को समय से पहले पूरा कर लेता है, तो वह दोपहर 3 बजे के बाद काम से जा सकता है। हालांकि, इसके लिए मस्टररोल में टास्क दर्ज कराना और मेट के पास हस्ताक्षर करवाना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही एनएमएमएस की द्वितीय पारी की हाजिरी प्रक्रिया पूरी कर श्रमिक स्थल छोड़ने की अनुमति मिलेगी।

राजस्थान में कितने मनरेगा मजदूर?

2.35 लाख श्रमिकों पर असर चित्तौड़गढ़ जिले में 2 लाख 35 हजार 44 सक्रिय मनरेगा वर्कर्स हैं, जिनमें 1 लाख 49 हजार 14 महिलाएं शामिल हैं। इतने बड़े श्रमिक समूह पर यह बदलाव सीधे असर डालेगा, इसलिए जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समय पर श्रमिकों को सूचना दी जाए और नए समय की पूर्ण पालना सुनिश्चित हो।