सार

राजस्थान के नए DGP उत्कल रंजन साहू ने पुलिस के सस्पेंशन को लेकर नए आदेश जारी किए हैं। इसके मुताबिक किसी भी पुलिस वाले को तुरंत सस्पेंड करना आसान नहीं होगा।

 

राजस्थान पुलिस। राजस्थान में हम कई बार देखते हैं कि जिले के पुलिस अधीक्षक, IG और कमिश्नर की तरफ से कोई भी शिकायत होने पर किसी पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया जाता है। लेकिन अब राजस्थान में ऐसा नहीं हो सकेगा। इस संबंध में राजस्थान पुलिस के पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने एक आदेश जारी किया है। बता दें कि उत्कल रंजन साहू ने इसी साल राजस्थान के DGP का कार्यभार संभाला है।

आदेश में यह लिखा गया है कि पुलिस इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में कई बार सावधानी नहीं बरती जाती है। बिना किसी ठोस कारण के उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है। ऐसे में उनका मनोबल तो गिर जाता है और इसके साथ ही सेवा के प्रति अनिश्चितता का भाव भी उनमें आने लगता है।

पुलिसवालों को सस्पेंड करने से पहले DGP से परमिशन जरूरी

राजस्थान में अब किसी भी पुलिस वालों को सस्पेंड करने से पहले DGP से परमिशन लेनी होगी। उनका कहना है कि सस्पेंड करने की कार्यवाही एकदम कठोर परिस्थितियों में की जानी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि केवल आरोप लगने मात्र से ही कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इस तरह की कार्रवाई से पुलिस अधिकारियों और कार्मिकों पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए सस्पेंड करने का यह फैसला सोच समझ कर लिया जाना चाहिए।

टोडारायसिंह थाने के प्रभारी राजेंद्र कमांडो लाइन हाजिर

आपको बता दे कि 2 दिन पहले ही केकड़ी जिले के टोडारायसिंह थाने के प्रभारी राजेंद्र कमांडो को लाइन हाजिर कर दिया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने महिला परिवादी के साथ गलत व्यवहार किया। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। हालांकि उस वीडियो में किसी का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन केवल ऑडियो सुनाई दे रहा था।

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