सार
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश की पुलिस भर्ती परीक्षा चर्चा में थी, वजह सीएम योगी आदित्यनाथ ने नकल के चलते एग्जाम ही रद्द कर दिया था। अब राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा कैंसिल हो सकती है। सीएम भजनलाल शर्मा ने डीजीपी को बुलाया है।
जयपुर. उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और नकल की खबरों के बाद योगी सरकार ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया है। इसकी जगह परीक्षा फिर से छह महीने के भीतर कराने और परीक्षार्थियों से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं। नकल माफिया से लड़ने के लिए पूरा प्रयास किया गया यूपी सरकार के द्वारा, लेकिन उसके बाद भी माफिया ने सरकार को चित कर दिया। कुछ इसी तरह का मामला अब राजस्थान में सामने आया है। राजस्थान में भी पुलिस भर्ती परीक्षा पर संकट मंडरा रहा है।
डमी स्टूडेंट बैठाकर परीक्षा में कराई थी नकल
दरअसल गहलोत सरकार के समय करीब नौ सौ पदों पर एसआई और प्लाटून कमांडर भर्ती निकाली गई थी। इसके लिए सितंबर 2021 में 11 जिलों के 800 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा हुई। लेकिन इस परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बिठाए गए और नकल के जरिए पेपर भी दिए गए। हांलाकि उस समय किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई। इस परीक्षा में आठ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। करीब चार लाख परीक्षा में बैठे थे और तीन चरण में ये परीक्षा हुई थी। उसके बाद सब कुछ सही चलता रहा और अब वर्तमान में एसआई को ट्रेनिंग का सैशन शुरू हो गया।
सीएम भजन लाल शर्मा ने राजस्थान डीजीपी को दिया ऑर्डर
वर्तमान सरकार में सीएम भजन लाल शर्मा ने राजस्थान पुलिस के डीजीपी को ऑर्डर दिया कि वे छह सरकारी भर्तियों की जांच कराएं जो सरकारी भर्तियां गहलोत के समय हुई थीं। इनमें एसआई भर्ती परीक्षा 2021 भी थी।एसओजी यानी राजस्थान पुलिस की एक एजेंसी, जिसका नाम स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप है....। उसने जांच शुरू की।
फर्जी तरीके से बने थानेदारों की चल रही थी ट्रेनिंग
कुछ दिन पहले डालूराम नाम का एक युवक पकड़ा जो एसआई भर्ती में शामिल था और थानेदार बनने वाला था। उससे पूछताछ की तो पता चला कि करीब दो दर्जन से भी ज्यादा फर्जी तरीके से बने थानेदार ट्रेनिंग ले रहे हैं। सोमवार को इनमें से करीब 16 को उठा लिया गया। बाकि गायब हैं। इनमें लड़कियां भी शामिल हैं। इनके खिलाफ रविवार को एसओजी ने केस दर्ज किया है। अब सोशल मीडिया पर इस परीक्षा को जल्द ही रद्द करने की चर्चा है। हांलाकि सरकार ने इस बारे में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है।