सार

कोटा में लगातार छात्रों के सुसाइड के बाद अब राजस्थान सरकार के मंत्री ही सवाल करने लगे हैं। एक दो नहीं,बल्कि तीन-तीन मंत्रियों ने कोचिंग सेंटर बंद करने को लेकर बयान दिए हैं। साथ ही कहा कि पीएम मोदी ऐसी पॉलिसी लेकर आए की पूरे देश में ही कोचिंग बंद हो।

जयपुर. राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद नंबर दो पर माने जाने वाले कैबिनेट मिनिस्टर और सीनियर नेता महेश जोशी ने आज दोपहर में बड़ा बयान दे डाला। उन्होंने पूरे देश में ही कोचिंग सिस्टम पर सवाल उठा दिए ।‌उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी पॉलिसी लेकर आए की पूरे देश में ही कोचिंग संस्थान को बंद कर दिया जाए , पूरे देश का कोचिंग सिस्टम बैन होना चाहिए, तभी जाकर छात्रों की जान बच सकती है।

अशोक गहलोत के बाद नंबर दो आते हैं महेश जोशी

दरअसल, महेश जोशी आज जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से रूबरू हुए थे। इस दौरान मीडिया ने जब उनसे कोटा में हो रहे सुसाइड के बारे में पूछा तो उन्होंने यह बयान दे डाला।‌ महेश जोशी राजस्थान सरकार में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर है और उनका रुतबा ऐसा है कि वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद नंबर दो पर माने जाते हैं।

मिनिस्टर प्रताप सिंह ने भी कहा बंद होनी चाहिए कोचिंग

महेश जोशी के अलावा राजस्थान के एक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी छात्रों के सुसाइड के मामले में कोचिंग संचालकों को घेरा।‌ कैबिनेट मिनिस्टर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कोचिंग संस्थान बंद होने चाहिए , उन्होंने छात्रों पर बेवजह दबाव बना रखा है।

शिक्षा मंत्री बोले-सुसाइड करना महापाप है

वहीं राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने तो यहां तक कहा कि सुसाइड करने के बारे में सोचना पाप है और इसे करना तो महा पाप है। कोचिंग संचालकों को इसका जवाब देना चाहिए । यह तीनों मंत्री राजस्थान सरकार मैं सीनियर मंत्री हैं।

सुसाइड फैक्ट्री बनती जा रही है कोटा सिटी

इन तीनों मंत्रियों से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोचिंग छात्रों के लगातार सुसाइड पर कोचिंग संचालकों के खिलाफ बयान दे चुके हैं ।‌उन्होंने कहा था की कोचिंग संचालक कक्षा 9 और कक्षा 10 में पढ़ने वाले छात्रों को अपने कोचिंग में शामिल कर लेते हैं । उन्हें बोर्ड की परीक्षाएं भी देनी होती है , साथ ही कोचिंग भी करनी होती है । कोचिंग में उनसे टेस्ट और एग्जाम लिए जाते हैं, इस कारण उन पर दो तरफ दबाव पड़ता है और वह गलत कदम उठाते हैं। उन्होंने कोचिंग संचालकों को पढ़ाई का पैटर्न बदलने के लिए कहा था , लेकिन उनके कहने के बावजूद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ और कोटा की कोचिंग सिटी सुसाइड फैक्ट्री बनती जा रही है।

कोचिंग के टीचर ने बताई अंदर की बात

राजधानी जयपुर में एक बड़े कोचिंग में पढ़ने वाले शिक्षक जय कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से नया चलन शुरू हो गया है पहले 12वीं परीक्षा पास करने के बाद छात्र बड़ी कोचिंग में जाते थे यानी करियर बनाने के लिए वे लोग कोचिंगों का रास्ता लेते थे लेकिन अब कक्षा 9 के बाद ही कोचिंग में भर्ती करना शुरू कर दिया गया है जो उमर सोचने समझने की है उसे उम्र में छात्र इतना दबाव झेल रहे हैं की मौत के रास्ते जा रहे हैं कोटा में 5 घंटे में जिन दो छात्रों में सुसाइड किया है वे दोनों इसी पैटर्न पर पढ़ कर रहे थे।