सार
जयपुर. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते राजस्थान में मौसम तेजी से बदल गया है। प्रदेश के कई इलाकों में बारिश का दौर शुरू हो गया है, जिसके साथ ही सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। बारिश और ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। कई जिलों में तो हाड़-मांस कंपा देने वाली ठंड पड़ने लगी है। इसी बीच राजस्थान में देश-विदेश से नए साल का जश्न मनाने के लिए टूरिस्टों का आना शुरू हो गया है। लेकिन सवाल यह है कि इतनी भयानक सर्दी में लोग कैसे न्यू ईयर का वेलकम करेंगे।
हिल स्टेशन माउंट आबू में तापमान 3 डिग्री के नीचे
राज्य के हिल स्टेशन माउंट आबू में तापमान 3 डिग्री तक पहुंच गया है, जो इसे प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका बना रहा है। वहीं डूंगरपुर में 23.5 डिग्री तापमान के साथ यह राजस्थान का सबसे गर्म क्षेत्र है। फतेहपुर में पारा 3.8 डिग्री दर्ज किया गया है। सर्द हवाओं और बारिश के साथ तापमान में और गिरावट की संभावना है।
राजस्थान के इन जिलों में होने लगी बारिश
सीकर जिले के पलसाना, रानोली, रींगस और अन्य क्षेत्रों में बीती रात से लगातार बारिश हो रही है। जिला मुख्यालय पर सुबह से चार घंटे तक झमाझम बारिश का दौर चला। सर्दी के इस मौसम में बारिश को किसान मावठ के रूप में देख रहे हैं। जो फसलों के लिए वरदान साबित होती है। रबी की फसल की पैदावार में यह बारिश फायदेमंद साबित होगी।
24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित
जयपुर मौसम केंद्र ने अगले 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। जयपुर, झुंझुनू, चुरू, सीकर, नागौर, पाली और अजमेर जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इनके अलावा अलवर, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़ और उदयपुर समेत 20 जिलों में मेघगर्जन और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। आने वाले तीन से चार दिन मौसम इसी तरह का रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। अधिकतर शहरों में ओले गिरने की चेतावनी जारी है। जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर जैसे शहरों में बड़ी संख्या में पहले ही टूरिस्ट हैं और इसके अलावा नया साल मनाने के लिए बड़ी संख्या में और टूरिस्ट आने का को तैयार हैं।
नई साल के पहले किसानों के चेहरे से खुशी गायब
उधर बारिश और सर्द हवाओं से ठंडक बढ़ने के साथ किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है। रबी की फसलों के लिए यह बारिश लाभकारी साबित हो सकती है। हालांकि, ओलावृष्टि से नुकसान की संभावना भी बनी हुई है, जिसे लेकर किसान सतर्क हैं।