सार
राजस्थान में जून और जुलाई में इतनी बारिश हुई है कि कई सालों के रिकॉर्ड टूट गए हैं। लेकिन अगस्त के महीने में मौसम मई और अप्रैल की तरह हो गया है। एक दिन भी पानी नहीं बरसा है। प्रदेश के मौसम विशेषज्ञों ने बारिश नहीं होने की वजह भी बताई है।
जयपुर. राजस्थान में इस बार जून और जुलाई महीने में बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जहां राजस्थान में औसत से भी करीब 100 एमएम ज्यादा बारिश हुई तो वही राजस्थान में इस बार अगस्त महीने ने सभी को रुलाकर रख दिया है। राजस्थान में इस बार अगस्त महीने में मानसून पूरी तरह से सुस्त रहा है। बीते कई सालों की तुलना में इस बार राजस्थान में अगस्त महीने में न के बराबर बारिश हुई है।
तापमान 38 से 39 डिग्री के करीब पहुंचा
वहीं लगातार बादलों की आवाजाही और धूप निकलने के बीच हालात यह हो चुके हैं कि तापमान 38 से 39 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। दूसरी तरफ लगातार बढ़ती जा रही उमस ने भी लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। हालात यह है कि दोपहर के समय ऐसा लगता है कि मानो यह अगस्त नहीं बल्कि अप्रैल या मई का महीना हो।
जानिए क्या कहते हैं राजस्थान के मौसम विशेषज्ञ
फिलहाल राजस्थान में इस मौसम से करीब दो सप्ताह तक कोई राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो फिलहाल राजस्थान में जन्माष्टमी के अवसर तक कोई नया वेदर सिस्टम न बनने या फिर न कोई मानसून की ट्रफ लाइन का रुख होने की संभावना है। ऐसे में यहां बारिश होने के आसार बेहद कम है। हालांकि बादलों की आवाजाही जारी रह सकती है।
ये है अगस्त महीने में बारिश नहीं होने का सबसे बड़ा कारण
जयपुर मौसम केंद्र के विशेषज्ञों ने बताया कि राजस्थान में इस बार अगस्त महीने में बारिश नहीं होने का सबसे बड़ा कारण है कि जो मानसून की तरफ ट्रफ हर बार अगस्त और सितंबर महीने में भी राजस्थान की तरफ एक्टिव रहती वह इस बार हिमालय की और रुक कर चुकी है जिसका फिलहाल दो सप्ताह तक राजस्थान की तरफ रुख होने के आसार भी बेहद कम है। इसलिए राजस्थान में बारिश होने के आसार भी कम ही लग रहे हैं। वही जन्माष्टमी के बाद यदि कोई नया वेदर सिस्टम एक्टिव होता है तो राजस्थान में फिर बारिश की गतिविधियां शुरू होगी। राजस्थान में बारिश न होने के चलते अब यहां किसानों की चिंता भी बढ़ गई है क्योंकि मूंग, ग्वार जैसी फसलों को जहां बारिश की आवश्यकता होती है वही बारिश न होने के चलते अब इन फसलों के खराबे का डर भी किसानों को सता रहा है।