सार
सांवलिया सेठ मंदिर। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर स्थित है। ये राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में चढ़ावे के लिए मशहूर है। बीते शनिवार को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ठाकुर जी की आरती के बाद मासिक मेले के पहले दिन भंडार खोला गया था। तब से पैसों के काउंटिंग जारी है। अब तक करीब 18 करोड़ रुपए की गिनती की जा चुकी है, जो इस प्रकार है- पहले चरण की गिनती में करीब 6, दूसरे में 4, तीसरे में 3 और चौथे चरण की गिनती में करीब 4 करोड़ से ज्यादा की गिनती की गई है। हालांकि अभी सिक्कों को जोड़ना बाकी है।
सांवलिया सेठ मंदिर में अभी पांचवें राउंड की गिनती होना बाकी है। हालांकि, अब तक हुई गिनती में भक्तों के द्वारा चढ़ाई गई करीब 565 ग्राम सोना और 34 किलो चांदी का पता चला है। वहीं आज 5वें राउंड की गिनती होने के बाद पूरे चढ़ावे के बारे में पता चल सकेगा। यहां मान्यता है कि लोग जो भी मुराद मांगते हैं वह पूरी होती है।
सांवलिया सेठ मंदिर से जुड़ी अनोखी बात
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ इलाके में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में मध्यप्रदेश, गुजरात सहित अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। ज्यादा हैरानी की बात ये है कि, जिस इलाके में स्थित है वहां अफीम की खेती काफी होती है। ऐसे में किसान कामना करते हैं कि अगर खेती बढ़िया होने पर एक निश्चित भाग भगवान को भी चढ़ाएंगे। इसके बाद अगर मनोकामना पूरी होती है तो कमाई का कुछ हिस्सा चढ़ा देते हैं।केवल इतना ही नहीं कई भक्त तो यहां सोने और चांदी से बने रथ सहित अन्य आभूषण भी चढ़ाते हैं।
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