सार
राजस्थान में चंद रुपयों के लिए डॉक्टर्स ऐसा काम करते हुए गिरफ्तार हुआ जो सिर्फ शर्मनाक ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स के पेशे के लिए भी ठीक नहीं है। हैरानी की बात तो यहह है कि ये काम भी वे चोरी छुपे करते थे। जिसकी पोल खुलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
जयपुर. देश के बड़े सरकारी अस्पतालों में शामिल राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस अस्पताल में बड़ी खबर है। एसएमएस अस्पताल के सीनियर डॉक्टर की सूचना पर राजस्थान की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है । यह लोग अंग प्रत्यारोपण के फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए रुपए मांग रहे थे, वह भी बिना कमेटी की बैठक के। ₹70000 से ₹100000 तक में यह एनओसी दे रहे थे। दोनों कर्मचारियों को राजस्थान के बड़े निजी अस्पताल इएचसीसी हॉस्पिटल से गिरफ्तार किया गया है।
नकद रुपए और एनओसी जब्त
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जयपुर टीम ने बताया कि एसएमएस अस्पताल के उच्च प्रबंधन से सूचना मिली थी कि जयपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर कमेटी के कुछ लोग बिना कमेटी की बैठक किये फर्जी तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी दे रहे हैं। इनके पास से 70000 और तीन फर्जी एनओसी बरामद की गई है।
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ये डॉक्टर कर रहे थे गलत काम
प्रारंभिक अनुसंधान में सामने आया है कि इएचसीसी हॉस्पिटल के कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी और गौरव सिंह के द्वारा यह गलत काम किया जा रहा था । विभिन्न अस्पतालों को रिश्वत के बदले यह एनओसी जारी की जा रही थी । इस तरह का पहला ही केस जयपुर और राजस्थान में पकड़ में आया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ साल में राजस्थान के कई निजी और सरकारी अस्पतालों में हार्ट, किडनी, लंग्स ट्रांसफर के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इन मामलों में फर्जी तरीके से काम किए जाने की सूचनाओं अब सामने आ रही है। जो हैरान करने वाली है। देर रात गौरव सिंह और अनिल जोशी को अरेस्ट किया गया है। उनके अन्य साथियों के बारे में जांच पड़ताल की जा रही है।
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