सार
राजसमंद. राजस्थान के राजममंद जिले में नाथद्वारा स्थित विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में अब दूध की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक लैक्टोमीटर मशीन का उपयोग किया जाएगा। यह कदम मंदिर में प्रसाद की शुद्धता बनाए रखने और मिलावट को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। तिलकायत पुत्र युवाचार्य विशाल बावा ने इस मशीन का उद्घाटन किया और दूध के व्यवसाय से जुड़े सभी सेवकों को शुद्ध दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
श्रीनाथजी को सिर्फ शुद्ध भोग ही लगेगा
विशाल बावा ने स्पष्ट रूप से कहा कि श्रीनाथजी की सेवा में केवल शुद्ध और मिलावट रहित दूध का ही उपयोग किया जाए। उन्होंने मंदिर में दूध का व्यवसाय करने वालों को आश्वस्त किया कि उन्हें उनके काम को निर्बाध रूप से जारी रखने की पूरी स्वतंत्रता होगी, लेकिन पानी या अन्य मिलावट वाली सामग्री को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जानिए श्रीनाथजी मंदिर क्या लगता है भोग
श्रीनाथजी मंदिर का प्रसाद पूरे देश में प्रसिद्ध है। जिसमें लड्डू, पूड़ी, ठौर, रबड़ी, खीर, बासुंदी आदि शामिल हैं। इन प्रसादों का निर्माण मंदिर के भीतर ही किया जाता है और इसके लिए दूध, दही, मक्खन जैसे उत्पाद मंदिर की गौशाला से आते हैं। यहां पर बाहर से लाए गए किसी भी प्रसाद को चढ़ाने की अनुमति नहीं होती है। हालांकि, भक्तों द्वारा भेंट किए गए दूध और राशन का स्वागत किया जाता है, लेकिन उनकी गुणवत्ता की जांच अब लैक्टोमीटर मशीन से की जाएगी।
तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू में मिलावट से मचा था हड़कंप
यह पहल श्रीनाथजी मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू में मिलावट को लेकर विवाद सामने आया था, जिसके बाद देश भर के मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ी है। श्रीनाथजी मंदिर ने इस नवाचार के जरिए अन्य मंदिरों को एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे भक्तों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा। उल्लेखनीय है कि यह मंदिर अंबानी परिवार का इष्ट है। हर साल कई बार परिवार के लोग यहां पूजा-पाठ करने आते हैं। श्रीकृष्ण का यह मंदिर दुनियाभर में फेमस है।