सार

education news : राजस्थान में पढ़ाई को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि शिक्षा में कौन सा शहर सबसे आगे है। हैरानी की बात यह है कि लिस्ट में कोटा पीछे है। 

सीकर. राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र में सीकर जिले (Sikar first ranks in education) ने एक बार फिर खुद को शीर्ष पर साबित किया है। राज्य स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा (State School Education Council) जारी ताजा रैंकिंग के अनुसार, सीकर जिले ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि के पीछे जिले के शिक्षकों, अभिभावकों और प्रशासन का सामूहिक योगदान रहा है।

सीकर ने फिर मारी बाजी

 पिछले कुछ महीनों में सीकर की शिक्षा रैंकिंग में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था, लेकिन इस बार जिले ने मजबूती से वापसी करते हुए पहले स्थान पर कब्जा जमाया। वहीं, चूरू जिले ने दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई है। नागौर, हनुमानगढ़ और पाली भी शीर्ष पांच जिलों में शामिल हुए हैं।

जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर पिछड़े 

दिलचस्प बात यह है कि जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर जैसे प्रमुख शहर इस बार भी शीर्ष पांच में अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे। कोटा आठवें, अजमेर तेरहवें, जयपुर सत्रहवें, भरतपुर अठारहवें, उदयपुर तेईसवें, जोधपुर अट्ठाईसवें और बीकानेर बत्तीसवें स्थान पर रहे।

शिक्षा रैंकिंग के प्रमुख मानदंड समग्र

 शिक्षा रैंकिंग को तय करने के लिए कई महत्वपूर्ण मानकों को ध्यान में रखा जाता है, जिनमें शामिल हैं: शैक्षिक प्रदर्शन और बोर्ड परीक्षा परिणाम स्कूलों में नामांकन दर और उपस्थिति आधारभूत सुविधाएं जैसे लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, खेल मैदान सामुदायिक सहभागिता और भामाशाहों का योगदान शिक्षक-अभिभावक बैठक और छात्रों की प्रगति हर जिले को कुल 150 अंकों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता के लिए 100 अंक, नामांकन और सामुदायिक सहभागिता के लिए 20-20 अंक और आधारभूत सुविधाओं के लिए 10 अंक निर्धारित होते हैं।

क्या है सीकर की सफलता का राज 

  • सीकर की इस उपलब्धि पर जिला समग्र शिक्षा विभाग के एडीपीसी राकेश कुमार लाटा का कहना है कि यह सफलता जिले के शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और प्रशासन की संयुक्त मेहनत का परिणाम है। स्कूलों में शिक्षा सुधार की दिशा में किए गए प्रयासों और छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के कारण जिले ने यह मुकाम हासिल किया है।
  • राजस्थान में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अब अन्य जिलों को भी सीकर से प्रेरणा लेकर अपने प्रयासों को और मजबूत करना होगा, जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।