सार
फैमिली कोर्ट में कई बार अजब-गजब केस देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक दिलचस्प मामला जयपुर की अदालत में आया। जहां एक पति अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए तीन सौ किलो सिक्के 7 बोरे में लेकर कोर्ट पहुंचा था।
जयपुर. राजधानी जयपुर की फैमिली कोर्ट में ऐसा अजीब मामला सामने आया है कि हर कोई दंग रह गया। कोर्ट के आदेश के बाद पति को अपनी पत्नी के लिए गुजरा भत्ता देना था, पति ने 55 हजार रुपए से ज्यादा गुजारा भत्ता एक मुश्त दे दिया लेकिन उसके बाद भी पत्नी और उसके परिवार वाले नाराज रहे। इन रुपयों का वजन करीब तीन सौ किलो था और ये रूपए लेने के बाद पत्नी ने जज के सामने कहा कि असली मानसिक तनाव यही है। दोनो की शादी को बारह साल हो चुके हैं और सेपरेशन के लिए पांच साल से कोर्ट में मामला चल रहा है।
सीमा और दशरथ कुमावत के बीच चल रहा है कोर्ट केस
दरअसल, सीमा और दशरथ कुमावत में कोर्ट केस चल रहा है। कोर्ट ने हर महीने का भरण पोषण तय किया था लेकिन काफी समय से दशरथ अपनी पत्नी को भरण पोषण नहीं दे रहा था। इस कारण उस पर करीब एक लाख सत्तर हजार रुपए से ज्यादा बकाया हो गया। पिछली बार भी जब उसने महीने पर भरण पोषण नहीं दिया तो सीमा अपने वकील के साथ कोर्ट पहुंची और जज को इसकी शिकायत की। पति को डिफाल्टर मानते हुए उस पर कानूनी कार्रवाई की गई और हरमाड़ा थान पुलिस ने उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया।
जयपुर की फैमिली कोर्ट का है ये गजब मामला
उसके बाद सोमवार को जब कोर्ट की तारीख थी तो उसके परिवार के लोग कोर्ट में 55000 रुपए लेकिन पहुंचे। से सात बोरों में रखे हुए सिक्के थे। इनका वजन करीब तीन सौ किलो था। कोर्ट ने कारण पूछा तो परिवार ने बताया कि पति का हडवाड़े मे काम है और सिक्के में ही पैसा मिलता है अधिकतर। इसी कारण सिक्के लेकर आए हैं। दशरथ पक्ष के वकील ने कहा कि उनका क्लाइंट इसी तरह की मुद्रा में पैसा कमता है। यह मुद्रा चलन में है। इसे खारिज नहीं किया जा सकता।
जज ने कहा-एक-एक हजार के बैग बनाकर लाओ अगली तारीख पर
उधर सीमा और उसके परिवार ने जब सिक्कों से भरे हुए बोरे देखे तो वे दंग रह गए। जज ने कहा इसे गिनने में दस दिन लग जाएगें। इसलिए अभी ये पैसा वापस ले जाएं और 26 जून को लेकर आएं, एक एक हजार रुपए के बैग बनाकर लेकर आएं। अब परिवार यह पैसा वापस ले गया। अभी भी करीब एक लाख रुपए से ज्यादा पैसा बकाया है। कोर्ट में जब ये बोरे रखे गए तो इसे देखने के लिए भीड़ लग गई। इस तरह का अजीबो गरीब केस पहली बार ही सामने आया है।