सार

जयपुर गैस टैंकर हादसे में 14 की मौत, 45 घायल। ट्रक चालक 'सीरियल ऑफेंडर' निकला, टैंकर पर भी पहले हुई कार्रवाई। हादसे ने प्रशासन पर सवाल खड़े किए।

जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर के भांकरोटा इलाके में अजमेर एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण गैस टैंकर हादसे ने प्रशासन और परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को हुए इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई और 45 लोग झुलस गए। हादसा तब हुआ जब दिल्ली के जैन कैरिंग कॉर्पोरेशन का ट्रक एक यू-टर्न ले रहे एलपीजी टैंकर से टकरा गया। इसके बाद टैंकर में जोरदार ब्लास्ट हुआ, जिससे 40 से अधिक वाहन आग की चपेट में आ गए।

'सीरियल ऑफेंडर' निकला ट्रक चालक

परिवहन विभाग की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। हादसे का जिम्मेदार ट्रक चालक हरियाणा का रहने वाला था और वह 'सीरियल ऑफेंडर' निकला। पिछले दो साल में उसके खिलाफ सात बार चालान हो चुके थे। इनमें रफ ड्राइविंग, सिग्नल तोड़ना और लापरवाही पूर्ण ड्राइविंग जैसी गंभीर गलतियां शामिल हैं। ट्रक का हालिया चालान अक्टूबर 2024 में ब्यावर में हुआ था। इससे पहले मार्च 2024 में उदयपुर में सिग्नल तोड़ने पर और सितंबर 2023 में जयपुर में लापरवाह ड्राइविंग के लिए भी जुर्माना लगाया गया था।

जयपुर ब्लास्ट का शिकार टैंकर भी सवालों के घेरे में

जो एलपीजी टैंकर ब्लास्ट का शिकार हुआ, वह गुजरात के मुंद्रा से आगरा जा रहा था। परिवहन विभाग की जांच में पता चला कि इस टैंकर के खिलाफ भी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दो बार कार्रवाई हो चुकी थी। मार्च 2024 में भरतपुर में HSRP (हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट) नहीं होने पर और जनवरी 2023 में उन्नाव में सीट बेल्ट ना लगाने पर चालान किया गया था।

जयपुर हादसे की भयावहता

टक्कर के बाद टैंकर में हुआ ब्लास्ट इतना भीषण था कि 200-300 मीटर तक आग की लपटें फैल गईं। हाईवे पर ट्रक और टैंकर के अलावा आसपास मौजूद कई वाहन आग की चपेट में आ गए। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

प्रशासन पर उठे सवाल

यह हादसा न केवल ट्रक और टैंकर चालकों की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को भी सवालों के घेरे में लाता है। प्रशासन को ऐसे हादसों से बचने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।

 

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