Udaipur Shocking Fire Mystery: उदयपुर के जिंडोली गांव में घरेलू विवाद ने लिया खौफनाक मोड़, बहू ने खुद को आग के हवाले किया, सास बचाने दौड़ी और दोनों लपटों में समा गईं। सूखी घास ने आग को राक्षस बना दिया, रहस्य की जांच जारी…
Udaipur Bada Gaon Jindoli News: राजस्थान के उदयपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के जिंडोली गांव में गुरुवार रात एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। घरेलू विवाद की चिंगारी से उठी लपटों ने बहू और सास, दोनों की जान ले ली। सवाल ये है कि क्या यह केवल एक पारिवारिक विवाद था या इसके पीछे छुपा है कोई और सच?
घरेलू विवाद से मौत तक की कहानी
रात करीब 10:30 बजे, 35 वर्षीय मांगीबाई गमेती और उनके पति गोपीलाल उर्फ गोपा के बीच किसी घरेलू मसले को लेकर तीखी बहस हो रही थी। आधे घंटे तक चले झगड़े के दौरान 65 वर्षीय सास पप्पा बाई ने बार-बार बीच-बचाव किया, लेकिन हालात बिगड़ते ही गए।
गुस्से की आग बनी मौत का कारण
गुस्से में मांगीबाई घर के सामने बने बाड़े में चली गईं। बताया जा रहा है कि उन्होंने डीजल या केरोसिन छिड़ककर खुद को आग के हवाले कर दिया। उनकी चीखें सुनते ही सास पप्पा बाई दौड़ीं, लेकिन बचाने की कोशिश में खुद लपटों में घिर गईं।
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सूखी घास ने आग को बना दिया राक्षस
बाड़े में सूखी घास और अन्य ज्वलनशील सामग्री भरी हुई थी। आग ने पलभर में विकराल रूप ले लिया। पास जाने की कोशिश करने वालों को भी पीछे हटना पड़ा। पति गोपीलाल और गांववाले पानी से आग बुझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि कोई नज़दीक नहीं जा सका।
दोनों के सिर्फ अस्थि अवशेष बचे
करीब आधे घंटे बाद बड़गांव थाना पुलिस, फायर ब्रिगेड और नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी-दोनों महिलाओं के सिर्फ जले हुए कंकाल और पैरों के कड़े ही बरामद हो पाए।
पुलिस जांच और गहरे सवाल
दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। यह घटना एक बार फिर घरेलू कलह के खतरनाक अंजाम और संवाद की कमी के घातक परिणामों को उजागर करती है। लेकिन साथ ही यह भी सवाल उठाती है — क्या इस विवाद में कोई छुपा कारण था? क्या यह केवल गुस्से का नतीजा था या अंदर ही अंदर सुलग रहा कोई और राज?
इस हादसे से सबक
उदयपुर की यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि पारिवारिक विवाद और संवादहीनता कितनी भयानक कीमत वसूल सकती है। एक चिंगारी लपटों में बदलते देर नहीं लगती, और कभी-कभी वह लपटें रिश्तों के साथ जिंदगियां भी निगल लेती हैं।
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