सार

राजस्थान शाही शादियों के लिए जाना जाता है। देश-दुनिया के अमीर लोग करोड़ों रुपए खर्च कर विवाह करने आते हैं। इसी बीच कोटा में मुश्लिम परिवार ने एक शादनाद मिसाल पेश की है। जहां एक बिना खर्च की। जिसमें ना बैंड-बाजा था और ना घोड़ी-कार्ड और हो गया निकाह…

 

जयपुर. कोटा में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार ने शादी की ऐसी अनोखी मिसाल पेश की कि उनकी हर जगह तारीफ हो रही हैं। वकालात पढ़ रहे होने वाले पति पत्नी की शादी में सिर्फ बीस हजार का खर्च आया। जबकि शादी में दो सौ पचास से भी ज्यादा मेहमान शामिल हुए। उसके बाद भी सिर्फ इतना सा खर्च कर शानदार आयोजन किया गया। इस शादी के बाद दूल्हे के पिता ने कहा कि शादी को आसान करने की तैयारी थी, दुल्हन पक्ष ने भी साथ दिया। सबसे बड़ी बात दूल्हा और दुल्हन दोनो भी इसी तरह से शादी करने को राजी हो गए। ये शादी किसी रिसोर्ट में ना होकर एक निजी स्कूल में हुई।

निकाह में सिर्फ शरबत और हल्का नाश्ता ही परोसा गया

यह निकाह हुआ मरियम सिद्दीकी और जीशान अली के बीच हुआ। मरियम चंद्रघटा और जीशान विज्ञान नगर क्षेत्र के रहने वाले हैं। सोमवार रात को यह निकाह हुआ। दुल्हन के पिता नजीमुद्दीन का कहना था कि इस्लाम में शादी समारोहों में लडकी के परिवार पर शादी का खर्च नहीं डाला जाता। इसी आधार पर हमारे बच्चों का निकाह हुआ। निकाह में सिर्फ शरबत और हल्का नाश्ता ही परोसा गया। दो सौ पचास से ज्यादा मेहमान आए जरूर लेकिन सभी अपने अपने घर से खाना खाकर आए थे और नए दम्पत्ति को आर्शीवाद देकर लौट गए। उनसे भी किसी तरह का उपहार या भेंट नहीं लिया गया।

आतिशबाजी भी नहीं हुई और ना निमंत्रण कार्ड

शादी में संगीत, बाजा, बैंड, घोड़ी, आतिशबाजी यहां तक कि निमंत्रण कार्ड भी नहीं रखे गए। दोनो पक्षों ने रिश्तेदारों को मैसेज और फोन किए बस। दुल्हा और दुल्हन दोनो वकालात की पढ़ाई कर रहे हैं। पूरी शादी में सिर्फ बीस से इक्कीस हजार का खर्च आया। इनमें से भी बड़ा हिस्सा उस स्कूल में दिया गया जहां पर शादी का आयोजन किया गया था। सबसे अहम बात..... शादी में किसी भी तरह की कोई गंदगी नहीं फैली और कुछ ही घंटों में पूरी सफाई के बाद स्कूल परिसर खाली कर दिया गया। उसी परिसर में मंगलवार को फिर से कक्षाएं लगी।