सार
राजस्थान में शादी हो और मायरा की चर्चा ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। जहां भाई अपनी बहन का मायरा भरने के लिए लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर जाते हैं। लेकिन राजसमंद में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। यहां भाई 30 बैलगाड़ियां लेकर पहुंचा था।
राजसमंद. शादियों के लिए चर्चा में रहने वाला राजस्थान फिर से चर्चा में है। इस बार शादी हुई है राजसमंद जिले में। शादी अभी होनी है, लेकिन शादी से पहले चार भाईयों ने मिलकर जो मायरा भरा है वह चर्चा बना हुआ है। ठेठ देसी अंदाज में बहन के घर पहुंचे भाईयों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मायरा भरने आए भाई गाड़ियों या कारों में नहीं ठेठ देसी अंदाज में बैलगाड़ियों पर आए तो नजारा अलग ही हो गया। तीस से ज्यादा बैलगाड़ियों में लाखों रुपयों के जेवर, लाखों रुपए कैश और अन्य जरूरी सामान बहन के लिए लेकर आए तो देखने वालों की भीड़ लग गई। लोगों का कहना था कि भाईयों ने पुराने जमाने की याद दिला दी।
राजसमंद में यह अनोखा दृश्य देख लोग हो गए भावुक
दरअसल राजसमंद जिले में रेलमगरा इलाके में रहने वाले गाडरी समाज की प्रेमी बाई की बेटी की शादी होनी है। शादी से पहले मायरा भरने के लिए चार भाई आए। प्रेमी बाई ने इस बारे में पहले ही अपने पिता भूरालाल को सूचना भेजी थी। उसके बाद नाथूलाल के चार बेटे अपनी बहन के यहां मायरा लेकर रवाना हुए। भूरालाल के बेटे शंकर, शंभू और अन्य दो भाईयों और नजदीकी रिश्तेदारों के परिवार ने तीस बैलगाड़ियों को मायरे के लिए सजाया। पांच किलोमीटद दूर स्थित बहन के घर जाने के लिए बैलों को चुना गया। इन बैलगाडियों में ही लाखों रुपयों का सोना चांदी, लाखों रुपए कैश और कीमती कपड़ों के साथ ही उपहार भरे हुए थे। कुछ घंटों में भाई मायरा लेकर अपनी बहन प्रेमी बाई के यहां पहुंचे तो बैलगाड़ियां आती देख गांव वाले दंग रह गए। बाद में खूब आवभगत के बीच बहन और भाईयों की आंखे नम हो गई।
भाइयों के प्यार ने राजस्थान की पुरानी परंपरा की याद दिला दी
ग्रामीणों ने कहा कि पुरानी परपंराओं और रीत रिवाज को याद कराने का यह शानदार मौका था। प्रेमी बाई के भाई जिस तरह से गांव में मायरा लेकर आए ऐसा मायरा आज तक नहीं भरा गया। हांलाकि परिवार ने जेवर और कैश के बारे में जानकारी साझा नहीं की।