सार

राजस्थान के दौसा में एक ऐसी शादी हुई जिसकी पूरे प्रदेश में चर्चा है। जिसमें दो बहनें एक साथ दुल्हन बनीं थीं। लेकिन उनके इस विवाह में ना तो अग्नि के फेरे हुए और ना ही दूल्हा घोड़ी चढ़ा...ना खाना-ना दहेज और ना ही उपहार मिला, ऐसी ही यादगार शादी हो गई।

 

दौसा. राजस्थान में शादियों का भी अपना ही एक मजा है। कभी मायरा भरने के लिए करोड़ों रुपए लगा दिए जाते हैं , तो कभी एक रुपए लेकर बिना दहेज के शादी की जाती है । लेकिन शादियों में बड़ी संख्या में मेहमान जरूर पहुंचते हैं । इस बीच राजस्थान के दौसा जिले में एक शादी ऐसी हुई है , जिसमें दो बहनों की बारात में सिर्फ 50 मेहमान शामिल हुए हैं। ना तो अग्नि के फेरे लगाए गए और ना ही दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर, शेरवानी पहन कर आया। उसके बावजूद भी सिर्फ 17 मिनट में ही शादी संपन्न हो गई । जबकि दो दूल्हा में से एक दूल्हा सरकारी शिक्षक है।

दुल्हन के पिता हैं संत रामपाल महाराज के भक्त

दरअसल, सिकराय कस्बे के रहने वाले महेश योगी संत रामपाल महाराज के अनुयायी हैं। उनकी बेटी निशा और हिना के लिए अलवर जिले के खेडली इलाके में रहने वाले कमल योगी के दो बेटे सचिन और सौरभ का रिश्ता आया। परिवार ने यह रिश्ता आपसी समझ से तय किया और उसके बाद सिकराय में शादी का आयोजन किया गया।

ना खाना-ना दहेज और ना ही गिफ्ट...हो गई शादी

दोनों दूल्हे ना तो बाराती , ना ज्यादा मेहमान और ना ही घोड़ी पर चढ़कर आए, बल्कि दोनों अपने अन्य परिवार के साथ गाड़ियों से दौसा के सिकराय में पहुंचे । वहां निशा और हिना के साथ शादी संपन्न हुई । दोनों कपल को संत रामपाल महाराज के मंत्र और उसके अलावा देवी देवताओं के मंत्र सुनाए गए । फिर बड़े बुजुर्गों ने बच्चों को आशीर्वाद दिया। यह शादी सिर्फ 17 मिनट में संपन्न हो गई । ना तो मेहमानों ने दूल्हा दुल्हन को कोई उपहार दिया और ना ही इस शादी में किसी ने किसी तरह की मिठाई खाई । ना ही दहेज दिया गया। जबकि सौरभ अलवर जिले में ही तिजारा कस्बे में सरकारी शिक्षक है । इस शादी की चर्चा पूरे जिले में हो रही है।