सार
हाथरस: पुलिस ने गुरुवार को बताया कि जादू-टोने के च चक्कर में उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक स्कूल ने अपने हॉस्टल में पढ़ने वाले 7 साल के एक बच्चे की बलि दे दी। पुलिस ने बताया कि जादू-टोने के मामले में रासगवां के डीएल पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर, तीन शिक्षकों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ महीने पहले भी एक बच्चे की बलि देने की नाकाम कोशिश की गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि स्कूल को प्रसिद्धि और सफलता दिलाने के उद्देश्य से की गई एक रस्म में बच्चे की बलि दी गई।
पुलिस ने आरोपियों की पहचान स्कूल के डायरेक्टर दिनेश बघेल, उनके पिता जशोधन सिंह और शिक्षक लक्ष्मण सिंह, वीरपाल सिंह और रामप्रकाश सोलंकी के रूप में की है। रिपोर्ट के मुताबिक, जशोधन सिंह, जो जादू-टोने में विश्वास करते थे, ने अपने बेटे और शिक्षकों से कहा कि स्कूल के एक बच्चे की बलि देने से स्कूल को बड़ी सफलता मिलेगी। जिसके बाद यह वारदात को अंजाम दिया गया।
इस स्कूल में करीब 600 छात्र पढ़ते हैं और छोटे बच्चों के लिए हॉस्टल की भी सुविधा है। बताया जा रहा है कि बलि चढ़ाया गया बच्चा भी इसी हॉस्टल में रहता था। बच्चे के पिता दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाला बच्चा सोमवार को अपने हॉस्टल के बिस्तर पर बेहोश पाया गया था। घटना की सूचना देने के बजाय, स्कूल के कर्मचारियों ने हत्या को छिपाने की कोशिश की, पुलिस के हस्तक्षेप करने से पहले बच्चे के शव को उसकी कार में ले जाया जा रहा था।