सार

अफजाल अंसारी के लिए आज का दिन खुशियों भर रहा, क्योंकि यूपी के सपा सांसद को कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में बड़ी राहत मिली है। उनके ऊपर लगाए गई सजा रद्द कर दी गई है।

अफजाल अंसारी: सपा सांसद अफजाल अंसारी को BJP विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में 29 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने गाजीपुर के MP की 4 साल जेल की सजा रद्द कर दी गई है। बता दें कि सजा के खिलाफ चुनौती दी गई थी, जिसके बाद मामले पर 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा गया था। अगर किसी भी स्थिति में अंसारी की सजा बरकरार रहती तो उनकी सांसदी चली जाती। 2024 के लोकसभा चुनाव में अफजाल ने गाजीपुर से सपा समाजवादी पार्टी के टिकट पर इलेक्शन जीता था।

बीते साल 29 अप्रैल, 2023 को तत्कालीन सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद सांसदी खत्म हो गई। उन्हें जेल जाना पड़ा था। अंसारी के द्वारा HC में पेश की गई जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। लेकिन सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। नतीजा हक में आया। सजा पर रोक लगा दी गई। साथ ही उनकी सांसदी बहाल हो गई।

हाई कोर्ट ने इन लोगों के अपील किए खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था-"HC में याचिका पेंडिंग रहने के दौरान चुनाव लड़ने से नहीं रोका जाएगा। अगर वो चुनाव जीतते हैं, तो हाई कोर्ट में उनकी अपील पर दिए गए फैसले के अधीन होगा।" इसके बाद हाई कोर्ट के फैसले पर नजरें टिकी हुई थी, जिसका नतीजा उनके पक्ष में आया। इसी मामले में कोर्ट ने अफजाल की सजा बढ़ाने की यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष कुमार राय की अपील भी खारिज कर दी है।

सांसदी गवांने को लेकर क्या है नियम? 

अफजाल अंसारी की सजा को अगर हाई कोर्ट बरकरार रखता तो इस स्थिति में गाजीपुर से सांसदी चली जाती। ऐसा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के तहत मुमकिन है। एक्ट के मुताबिक किसी सांसद या विधायक को 2 साल से ज्यादा की सजा मिलने पर अयोग्य घोषित किया जाता है। इसके अलावा रिहाई के समय से 6 साल के लिए चुनाव में भाग नहीं ले सकता।

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