सार

यूपी के जिले आगरा में रामकथा के दौरान तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने लव जिहाद को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू बेटियां कटार चलाने का प्रयास करें और जो गलत नजर से देखे, उसकी आंख निकाल लो।

आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने लव जिहाद को लेकर बयान दिया है। उन्होंने रामकथा सुनाने के दौरान कहा कि लव जिहाद के नाम पर हिंदू लड़कियों को विधर्मी फंसा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि बहनों जो तुम्हारी ओर गलत दृष्टि से देखे, उसकी आंख निकाल लो। उसके बाद जो भी मुकदमा होगा मैं देख लूंगा। वह आगे कहते है कि हिंदू लड़कियां अपनी इज्जत स्वयं बचाएं। साथ ही हाथ में कड़ा पहनने के अलावा कटार चलाने का भी अभ्यास कर रानी लक्ष्मीबाई बन जाए।

मां का दूध पिया है तो खत्म कराओ जातिवाद

इसके अलावा स्वामी रामभद्राचार्य ने नेताओं से जातिवाद के नाम पर आरक्षण को खत्म करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों ने जातिवाद को जन्म दिया पर हमने जातिवाद को जन्म नहीं दिया। यह सब कुर्सी के भेड़िए नेताओं ने फैलाया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर सभी जातियां समान हैं तो क्यों जातिवाद के नाम पर आरक्षण किया? स्वामी आगे कहते है कि नेताओं से मैं कह रहा हूं, मेरी चुनौती है कि अगर मां का दूध पिया है असली तो तुम जातिवाद के आधार पर आरक्षण खत्म करवाओ।

भाजपा सांसद से सभी मुद्दों को उठाने की मांग

रामभद्राचार्य आगे कहते है कि अगर आरक्षण खत्म करा दिया तो जिसके यहां कहो मैं रोटी खाने को तैयार हूं। नेताओं पर भड़कते हुए स्वानी कहते है कि इन बेईमानों ने केवल वोट की राजनीति के लिए देश को बांटा है। जातिवाद अगर हमने फैलाया होता तो शबरी माता के झूठे बेर राम क्यों खाते। रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि जब रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ बनेगी, तभी समाज का सुधार हो सकेगा। उन्होंने रामकथा के दौरान मौजूद भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया से इन सभी मुद्दे को संसद में उठाने की मांग भी की है।

ठाकुरजी को देख खूब रोए थे जगदगुरु

आपको बता दें कि जगदगुरु रामभद्राचार्य रविवार को शहर के कटरा हाथी शाह में प्रेम निधि परिवार के पांच सौ पुराने ठाकुर श्याम बिहारीजी मंदिर में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मंगला आरती करने के साथ प्रेमनिधि मिश्र की हस्तलिखित पुस्तक को भी सुना। खास मौके पर वह ठाकुरजी की मूर्ति को देखते ही गले से लगा लिया। इतना ही नहीं उनकी आंखों से अश्रुधारा बह निकली। उनका कहना था कि वह 40 साल पहले मंदिर में दर्शन करने आए थे और तभी ठाकुरजी के दर्शन किए थे। इतने सालों बाद उन्होंने फिर बुला लिया और वह चाहते हैं कि मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए।

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