सार

आगरा में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का ठाकुरजी के लिए प्रेम देखने को मिला। ऐसा इसलिए क्योंकि वह करीब 40 साल बाद प्रेम निधि मंदिर पहुंचे और उनको देखते ही जगतगुरू खूब रोए।

आगरा: उत्तर प्रदेश के जिले आगरा में तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज का ठाकुरजी के लिए प्रेम देखने को मिला। दरअसल वह रविवार की सुबह नाई की मंडी के कटरा हाथी शाह में प्रेम निधि परिवार के पांच सौ पुराने ठाकुर श्याम बिहारीजी मंदिर में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मंगला आरती करने के साथ प्रेमनिधि मिश्र की हस्तलिखित पुस्तक को भी सुना। खास मौके पर वह ठाकुरजी की मूर्ति को देखते ही गले से लगा लिया। इतना ही नहीं उनकी आंखों से अश्रुधारा बह निकली।

11 अप्रैल को मंदिर की पहली ईंट जाएगी रखी

जगदगुरू रामभद्राचार्य का कहना है कि वह 40 साल पहले मंदिर में दर्शन करने आए थे और तभी ठाकुरजी के दर्शन किए थे। इतने सालों बाद उन्होंने फिर बुला लिया और वह चाहते हैं कि मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए। उन्होंने आगे कहा कि अगर 30 नवंबर तक यह काम पूरा होता है तो वो फिर आगरा आएंगे। प्रेमनिधि महाराज भागवत करते थे, अब वो भी भागवत कथा सुनाएंगे। उन्होंने बताया कि यह कथा सीता बाजार में ही होगी। समिति की प्रमुख डॉ. मृदुला कठेरिया ने मंदिर के लिए 51 लाख रुपये देने की घोषणा की। उसके बाद मंगलवार को चेक के साथ मंदिर की पहली ईंट रखेंगे।

दतिया के राजा ने बनवाया था भव्य मंदिर

इसके अलावा उन्होंने शाम को बातचीत में कहा कि ठाकुर श्याम बिहारी के मंदिर का जीर्णोद्धार होता है तो वो एक दिसंबर से सात दिसंबर तक सीता बाजार में भागवत कथा सुनाएंगे। शहर के कटरा हाथी शाह निवासी दिनेश पचौरी का कहना है कि प्रेमनिधि मिश्र, नाना पंडित गोविंद लाल गोस्वामी के पूर्वज थे। यह मंदिर पहले रावतपाड़ा में था मगर औरंगजेब के डर की वजह से मंदिर के सेवादार ठाकुरजी को कटरा हाथी शाह ले आए। इस दौरान सिर्फ दो मूर्तियां स्थापित कीं। एक विग्रह में थी तो दूसरी ऊपर थी। उसके बाद में दतिया के राजा मूर्ति ले गए और उन्होंने भव्य मंदिर बनवाया।

जगदगुरू ने बेटी को आशीर्वाद स्वरूप दिए 5100 रुपए

दिनेश पचौरी ने आगे बताया कि बारिश के दिन प्रेमनिधि और कान्हा के प्रसंग के दृश्य को उनकी बेटी वैष्णवी पचौरी ने खुद चित्र में बनाया है। तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामभद्राचार्य के आने पर उन्हें वह चित्र भेंट भी किया गया है। इस पर उन्होंने बिटिया को 5100 रुपये आशीर्वाद स्वरूप में दिए। आगे कहते है कि रविवार की सुबह छह बजे स्वामी मंदिर आए थे। उन्होंने बिहारीजी के दर्शन करने के साथ मंगला आरती भी की। इस दौरान जगदगुरू आरती करते ही ठाकुर बिहारीजी का चरण स्पर्श करते हुए गले से लिपट गए।

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