नाथ नगरी बरेली में योगी सरकार 19 भव्य फोकस वॉल बना रही है, जिन पर अजंता–एलोरा शैली की भित्ति कला के जरिए नाथ परंपरा, प्राचीन इतिहास और स्थानीय संस्कृति को दर्शाया जाएगा। यह परियोजना पर्यटन, सांस्कृतिक पहचान और रोजगार को बढ़ावा देगी।
बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नाथ नगरी बरेली अब सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कला के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित होने जा रही है। शहर के महत्वपूर्ण चौराहों, मार्गों, धार्मिक स्थलों और सरकारी परिसरों में कुल 19 भव्य फोकस वॉल बनाई जाएँगी।
बरेली में दिखेगी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक धरोहर की झलक
इन फोकस वॉल पर भारत की प्राचीन सभ्यता, नाथ परंपरा, महाभारतकालीन इतिहास और बरेली की स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का शानदार चित्रण होगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार के अनुसार यह पहल युवाओं और पर्यटकों को भारत के गौरवशाली अतीत और समृद्ध संस्कृति से परिचित कराएगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की सोच है कि उत्तर प्रदेश की सभ्यता को ग्लोबल टूरिज्म मॉडल से जोड़ा जाए, जिससे पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।
अजंता-एलोरा शैली की भित्ति कला जीवंत करेगी देवकथाएँ
फोकस वॉल पर बनने वाले भित्ति–चित्र अजंता–एलोरा की शैली पर आधारित होंगे। इन चित्रों में- भगवान शिव के त्रिशूल और डमरू, नाथ योगियों के प्रतीक, देवी–देवताओं की आकृतियाँ, बरेली की आध्यात्मिक पहचान महाभारतकालीन इतिहास और स्थानीय लोककला को खूबसूरत कलात्मक रूप दिया जाएगा। पर्यटन विभाग ने उन स्थानों का चयन किया है जहाँ से हर दिन सबसे अधिक पर्यटक और राहगीर गुजरते हैं, ताकि फोकस वॉल लोगों का ध्यान तुरंत आकर्षित कर सके।
शहर की प्रमुख भीड़भाड़ वाली जगहों पर बनेंगी फोकस वॉल
फोकस वॉल इन प्रमुख स्थानों पर बनाई जाएँगी-
- मनोहर भूषण इंटर कॉलेज ग्राउंड
- एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय
- सुरेश शर्मा नगर चौराहा
- डी.डी.पुरम पार्क
- स्टेडियम के पास
- कुदेशिया अंडरपास
- बीसलपुर चौराहा
- विकास भवन चौराहा
- आयुक्त कार्यालय
- उद्योग विभाग कार्यालय
- त्रिवटी नाथ मंदिर, मैकेनियर रोड
- 100 फुटा तिराहा, आदिनाथ चौक
- इन्वर्टिस तिराहा, बड़ा बाइपास
- रेलवे स्टेशन
- मिनी बाइपास इज्जतनगर रेलवे स्टेशन
- झुमका तिराहा
- पर्यटन कार्यालय, रोहिला होटल वॉल
पर्यटन, सांस्कृतिक पहचान और रोजगार-तीनों क्षेत्रों में बड़ा बदलाव
नैनीताल, रामनगर, काठगोदाम, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दुधवा नेशनल पार्क और उत्तराखंड की ओर जाने वाले हजारों यात्री रोज बरेली से गुजरते हैं। अब फोकस वॉल उनकी नजरों में पहली बार बरेली की आध्यात्मिक परंपरा, प्राचीन पहचान और लोककला को लाएंगी। यह परियोजना स्थानीय कलाकारों, पेंटरों, शिल्पियों और तकनीकी कर्मचारियों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। पर्यटन विभाग का कहना है कि फोकस वॉल तैयार होने के बाद बरेली को उत्तर प्रदेश के धार्मिक–सांस्कृतिक पर्यटन मार्ग में शामिल करने का प्रस्ताव भी है।
6 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से बदलेगा शहर का स्वरूप
इस परियोजना पर 621.33 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि बरेली केवल झुमके तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह योगियों, सिद्ध–नाथों, ऋषि–मुनियों और प्राचीन सभ्यता का नगर है।
फोकस वॉल आने वाली पीढ़ियों को बरेली की असली सांस्कृतिक आत्मा से जोड़ने का महत्वपूर्ण जरिया बनेंगी। यह परियोजना शहर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ सांस्कृतिक पुनर्जीवन और पर्यटन अर्थव्यवस्था का बड़ा कदम है।
