सार

यूपी के अलीगढ़ में महिला बैरक से कूदकर किशोरी की मौत मामले में 9 माह बाद एक्शन सामने आया। मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आगे की पड़ताल की जा रही है।

अलीगढ़: विजयगढ़ थाने की बैरक की दूसरी मंजिल से कूदकर किशोरी की आत्महत्या के मामले में 9 माह बाद बड़ी कार्रवाई सामने आई। किशोरी को वन स्टाप सेंटर न भेजकर अवैध रूप से थाने में रखा गया था। इसी आरोपी में तत्कालीन थाना प्रबारी दयानारायण त्रिपाठी, विवेचक बद्रीराम और महिला सिपाही शिखा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

जांच रिपोर्ट आने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन

आपको बता दें कि इस मामले में मजिस्ट्रीयल जांच की गई थी जिसमें तीनों दोषी पाए गए थे। उसी के बाद मामले की जांच एसपी देहात के द्वारा भी की गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद तीनों पर एक्शन हुआ है। तीनों पुलिसकर्मी मौजूदा समय में जनपद के विभिन्न थानों में तैनात थे। इन तीनों पर एक्शन के साथ ही ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोपी में सिपाही मनीष को भी लाइन हाजिर किया गया है। मीडिया रिपोर्टस में विजयगढ़ थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दर्ज किए गए केस में कहा गया है कि किशोरी को अप्रैल 2022 में एटा के थाना पिलुआ क्षेत्र के बादामपुर का आकाश बहला-फुसलाकर साथ ले गया था। इसके बाद विवेचक बद्रीराम और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे 5 मई 2022 में एटा से बरामद कर लिया था।

किशोरी को नियमविरुद्ध महिला बैरक में रखा गया

किशोरी को बरामद किए जाने के बाद उसे महिला आरक्षी शिखा के हवाले किया गया था। किशोरी को मेडिकल परीक्षण के बाद वन स्टाप सेंटर भेजना था। हालांकि शिखा ने 5 मई से 10 मई तक अवैध रूप से थाना परिसर में बने महिला बैरक में किशोरी को रखा। इस मामले की जानकारी तत्कालीन थाना प्रभारी दयानारायण त्रिपाठी और विवेचक बद्रीराम समेत अन्य पुलिसकर्मियों को भी थी लेकिन किसी ने उस मामले में कुछ नहीं किया। इसी बीच किशोरी ने 10 मई की रात को 9 बजे बैरक से छलांग लगा दी। गंभीर हालत में उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने 13 मई को दम तोड़ दिया।

पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 343 के तहत केस दर्ज

इस पूरी घटना के बाद भी तत्कालीन थाना प्रभारी ने अपनी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। इसके बाद किशोरी के पिता की शिकायत पर आकाश के खिलाफ किशोरी को बरगलाने और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज करवाया गया। मामले में आरोप पत्र भी दाखिल हुआ। इसी केस में पुलिसकर्मियों पर नियमों के उल्लंघन का मामला भी दर्ज किया गया। इन तीनों के खिलाफ धारा 343(3 दिन से अधिक गलत तरीके से कैद में रखने) के तहत केस दर्ज किया गया। मामले को लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने एशियानेट न्यूज हिंदी से बातचीत में कहा कि मजिस्ट्रीयल जांच के बाद विभागीय जांच करवाई गई। इसी के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है।

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