सार
यूपी के औरैया में कच्ची दीवार गिरने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में 3 बच्चे गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। हादसे में पति-पत्नी और 12 साल के बच्चे की मौत हो गई है।
औरैया: यूपी के औरैया के थाना कुदरकोट के गांव गोपियापुर में बड़ा हादसा हो गया। गोपियापुर गांव निवासी एक परिवार कच्ची दीवार पर दोनों तरफ छप्पर डालकर रह रहा था। वहीं शुक्रवार रात अचानक कच्ची दीवार के गिर जाने से छप्पर के नीचे सो रहे परिवार के सभी 6 सदस्य उसके नीचे दब गए। इस दौरान सभी लोग गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। वहीं शोर-शराबे की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर एकत्र हो गए। जिसके बाद आनन-फानन में घायलों को इलाज के लिए सीएचसी बिधूना ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने पति-पत्नी और एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
कच्चे घर में रह रहा था परिवार
वहीं दो बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सैफई रेफर कर दिया गया है। साथ ही मामूली चोटिल बच्चे को इलाज के बाद उसके ताऊ के घर भेज दिय़ा गया है। हादसे की सूचना मिलने पर डीएम व एसपी ने रात में ही मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया। गोपियापुर निवासी 45 वर्षीय इंद्रवीर राठौर सरकारी आवास नहीं मिलने के कारण कच्चे घर में रह रहे थे। इंद्रवीर राठौर, 42 वर्षीय पत्नी शकुन्तला, 15 वर्षीय बेटा आकाश, 12 साल का विकास, 10 साल का अनुराग और 6 साल का अंशु घायल हुए हैं। परिवार मजदूरी कर गुजारा कर रहा था। वहीं शुक्रवार की रात करीब 11:15 के अचानक कच्ची दीवार गिरने से यह हादसा हो गया।
डीएम व एसपी भी मौके पर पहुंचे
वहीं हादसे के बाद चीख-पुकार सुन इंद्रवीर के भाई कन्हैयालाल, राम प्रकाश, चन्द्र प्रकाश व धर्म प्रकाश और अन्य पड़ोसी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान इंद्रवीर, शकुन्तला व विकास की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया। डीएम पी. सी. श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने रात में ही मौके पर पहुंच कर घटना के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि दीवार गिरने से मौके पर बंधे जानवर भी घायल हो गए हैं। डीएम व एसपी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।
परिवार की दी जाएगी सरकारी सहायता
इस दौरान डीएम और एसपी ने सरकारी सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। परिवार को पीएम आवास मिल चुका है। इंद्रवीर और उनका परिवार आवास बनाने वाले ही थे, लेकिन उससे पहले यह घटना हो गई। बताया गया है कि बच्चों के नाम जल्द पांच लाख रूपए स्वीकृत किए जाएंगे। कोविड काल में शुरू हुई मुख्यमंत्री योजना से हर महीने बच्चों की पढ़ाई के लिए 4 हजार रूपए महीने मिलेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रधान, सचिव व जिम्मेदार लोगों की अनदेखी और भ्रष्टाचार की भेंट गरीब परिवार चढ़ गया। लोगों ने बताया कि यदि परिवार को सरकारी आवास मिला होता तो शायद यह हादसा नहीं हुआ होता।