Diwali Celebration Ayodhya: अयोध्या में दीपोत्सव 2025 पर राम की पैड़ी और सरयू घाटों का भव्य सौंदर्यीकरण योगी सरकार की योजनाओं से होगा। दर्शक दीर्घा, एम्फीथिएटर, छतरियां और आधुनिक सुविधाओं से सजेगा शहर, बन रही विश्व की आध्यात्मिक राजधानी।

राम की नगरी अयोध्या इस दीपोत्सव पर केवल रोशनी से ही नहीं, बल्कि विकास की नई चमक से भी जगमगाएगी। जब असंख्य दीप जलेंगे, तब केवल श्रद्धा का प्रकाश ही नहीं फैलेगा-सरयू तटों से लेकर राम की पैड़ी तक, योगी सरकार के विकास कार्यों का उजियारा भी दिखेगा। अयोध्या अब सिर्फ आस्था की धरती नहीं, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से सजी विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनने की ओर अग्रसर है।

राम की पैड़ी पर बैठेगा श्रद्धा और सौंदर्य का संगम

दीपोत्सव के दौरान अब श्रद्धालुओं को राम की पैड़ी पर बैठकर भव्य दृश्य देखने का अद्भुत अनुभव मिलेगा। 2324.55 लाख रुपये की लागत से 350 मीटर लंबी दर्शक दीर्घा का निर्माण किया गया है, जिसमें 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। यहां स्थापित भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की पत्थर की मूर्तियों वाला सेल्फी पॉइंट श्रद्धालुओं का केंद्र बना हुआ है। आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और पर्यटक सुविधाओं ने इसे वैश्विक स्तर की छवि प्रदान की है।

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नए एम्फीथिएटर और छतरियां बढ़ाएंगी रामनगरी की शोभा

वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 2367.61 लाख रुपये की परियोजना से राम की पैड़ी और भव्य स्वरूप ले रही है।

  • यहाँ आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जो दर्शकों को बैठने की सुविधा देंगे।
  • छह पत्थर की छतरियां, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे स्तंभ घाट को शोभायमान करेंगे। इन सबके साथ यह स्थान आधुनिकता और परंपरा का शानदार मेल बनकर उभरेगा, जिसे देखने देश-विदेश से आने वाले पर्यटक आकर्षित होंगे।

सरयू घाटों का नवनिर्माण बनेगा आस्था और पर्यटन का केंद्र

अयोध्या की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी के घाटों को नया रूप दिया जा रहा है। लगभग 2.5 किलोमीटर के विस्तार में 2346.11 लाख रुपये की लागत से घाटों का सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है।

  • 32 पत्थर की छतरियां और 11 विशाल स्तंभ आकर्षण का केंद्र होंगे।
  • दो गौ-पूजा स्थल तथा 15 दिशा सूचक भी बनाए जा रहे हैं।
  • 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन से घाट का वातावरण और भी जीवंत होगा।

आधुनिक रोशनी और स्वच्छता के साथ अब सरयू आरती का दृश्य भक्तिभाव और आध्यात्मिक भव्यता दोनों का संगम पेश करेगा।

सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक हैं विकास कार्य

यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक मनोज शर्मा ने कहा कि योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या में हो रहे विकास कार्य केवल निर्माण नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक हैं।राम की पैड़ी और सरयू घाटों के सौंदर्यीकरण से न केवल धार्मिक परिवेश समृद्ध हुआ है, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया, “हमारा उद्देश्य इन परियोजनाओं को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करना है, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या की भव्यता का अनुभव कर सकें।”

अयोध्या विश्व की आध्यात्मिक राजधानी : डीएम

जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने कहा कि सभी कार्य यूपीपीसीएल के माध्यम से किए जा रहे हैं। उनकी मानें तो अयोध्या आज वैश्विक स्तर पर नई पहचान बना रही है। उन्होंने कहा, “राम की पैड़ी और सरयू घाटों का सौंदर्यीकरण हमारी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का उत्कृष्ट उदाहरण है। इन परियोजनाओं से पर्यटन को बल मिला है और स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आई है।”

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