अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का नया गुंबदनुमा डिजाइन तैयार हो गया है। ट्रस्ट इसे 31 दिसंबर तक एडीए में पास कराने के लिए जमा करेगा। मस्जिद का नया नाम ‘मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ रखा गया है और निर्माण 5 एकड़ में होगा।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि धन्नीपुर से एक नई हलचल खबरों में जगह बनाने लगी। वर्षों बाद इस भूमि पर निर्माण का इंतजार पूरा होने की ओर बढ़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली 5 एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद का स्वरूप अब बिल्कुल नया होने वाला है। एक ऐसी डिजाइन, जिसमें अवध की सांस्कृतिक पहचान झलकेगी और आधुनिकता की झलक भी होगी।

धन्नीपुर मस्जिद का नया गुंबदनुमा स्वरूप तैयार

अयोध्या। राम मंदिर निर्माण पूर्ण होने की घोषणा के बाद धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के काम ने भी गति पकड़ ली है। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने मस्जिद के लिए नया गुंबदनुमा डिजाइन तैयार करवाया है। ट्रस्ट इसे 31 दिसंबर तक अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) में पास कराने के लिए जमा करेगा।

ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने बताया कि मस्जिद 1400 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगी, जबकि पूरा परिसर धन्नीपुर, तहसील सोहावल की 5 एकड़ जमीन पर विकसित होगा। उन्होंने बताया कि भूमि की सॉयल टेस्टिंग पहले ही पूरी की जा चुकी है।

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मस्जिद के नाम में बड़ा परिवर्तन

ट्रस्ट ने मस्जिद के नाम को भी नया रूप दिया है। अब इसे पैगंबर मोहम्मद साहब के नाम पर ‘मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ कहा जाएगा। पहले मस्जिद का निर्माण किया जाएगा, जबकि कम्युनिटी किचन, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, म्यूजियम, लाइब्रेरी जैसी परियोजनाओं को बाद में चरणबद्ध तरीके से जोड़ा जाएगा।

मुंबई बैठक में बदला पूरा प्लान

पिछले वर्ष मुंबई में मुस्लिम समुदाय के 150 से अधिक मौलाना, व्यवसायियों और प्रमुख लोगों की बैठक हुई थी। समुदाय से पर्याप्त सहयोग न मिलने के बाद इसी बैठक में बड़े बदलाव करने पर सहमति बनी। इसी के बाद डिजाइन से लेकर नाम तक कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

क्या-क्या बदला इस नए प्लान में

  • मस्जिद में विदेशी स्टाइल की जगह अवध संस्कृति की झलक देने वाला गुंबदनुमा डिजाइन अपनाया जाएगा।
  • मस्जिद का नया नाम होगा — मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद।
  • पहले मस्जिद का निर्माण, बाद में अन्य परियोजनाओं पर काम।
  • एडीए से नक्शा पास होने के बाद ट्रस्ट धन संग्रह अभियान शुरू करेगा।
  • 1400 वर्ग मीटर में मस्जिद और 5 एकड़ में पूरा परिसर विकसित किया जाएगा।

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