राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में धार्मिक पर्यटन में तेज वृद्धि ने स्थानीय कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। दुकानदारी, रोज़गार और आय में कई गुना बढ़ोतरी से रामनगरी आर्थिक समृद्धि का नया केंद्र बनकर उभर रही है।

रामनगरी अयोध्या इन दिनों सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा का ही नहीं, बल्कि आर्थिक समृद्धि का भी केंद्र बन चुकी है। राम मंदिर के निर्माण के बाद यहां उमड़ रहे श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या ने शहर के छोटे व्यापारियों की ज़िंदगी बदल दी है। कभी धीमी रफ्तार से चलने वाला व्यापार अब नई उड़ान भर रहा है और अयोध्या एक उभरते हुए धार्मिक-आर्थिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान मजबूत कर रही है।

मंदिर प्रांगण और आसपास के प्रमुख मार्गों पर पूजा सामग्री, प्रसाद और स्मृति चिह्न बेचने वालों की आय कई गुना बढ़ गई है। रामपथ, कनक भवन, श्री हनुमानगढ़ी मार्ग जैसे क्षेत्र अब विकास, रोज़गार और व्यापार के नए प्रतीक बन चुके हैं।

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व्यापारियों की आय में कई गुना उछाल

हनुमानगढ़ी मार्ग पर स्थित श्री गायत्री भोग प्रसाद भंडार के संचालक जितेंद्र कुमार गुप्ता बताते हैं कि पहले उनका दैनिक कारोबार लगभग 3,000 रुपये था, जो अब बढ़कर 10,000 रुपये तक पहुंच गया है। वे कहते हैं, “योगी सरकार के प्रयासों से अयोध्या दिव्य और भव्य रूप ले चुकी है। आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, जिससे व्यापार में और वृद्धि होगी।”

कनक भवन के पास पूजा सामग्री बेचने वाले श्यामजी राय भी इसी परिवर्तन के साक्षी हैं। वे बताते हैं कि पहले वे नौकरी करते थे, लेकिन अब दुकान चलाकर चार गुना कमाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण के बाद पलायन रुका है और स्थानीय लोगों को अपने शहर में रोजगार मिल रहा है।

दुकानों की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

कनक भवन के सामने गुप्ता जी चंदन वाले के मालिक प्रशांत गुप्ता के अनुसार पहले जहां उनकी दुकान की बिक्री 2,000 रुपये प्रतिदिन थी, अब यह 25,000 रुपये तक पहुंच चुकी है। वे बताते हैं कि “पहले अपना खर्च निकालना भी मुश्किल था, लेकिन अब लाभ लगातार बढ़ रहा है।”

सफाई व्यवस्था, सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण ने भी व्यापार को नई गति दी है। यातायात व्यवस्था में सुधार से भक्तों के आने-जाने में सुविधा बढ़ी है, जिसका सीधा फायदा दुकानदारों को मिला है।

मेले पर आधारित व्यापार अब दैनिक आय में बदला

जय नारायण मिश्र, जय पूजन मूर्ति और सामग्री भंडार के संचालक, बताते हैं कि पहले उनका व्यापार सिर्फ मेलों पर निर्भर रहता था। वर्ष में कुछ ही दिनों की कमाई से काम चलता था, लेकिन अब प्रतिदिन 10,000 रुपये तक आय हो रही है, जबकि पहले यह आंकड़ा 2,000 रुपये के आसपास था। पहले प्रतिदिन 100 ग्राहक आते थे, अब 1,200 से ज्यादा लोग खरीदारी कर रहे हैं।

अयोध्या: आस्था से आगे बढ़कर आर्थिक समृद्धि का केंद्र

अयोध्या में आए इस आर्थिक बदलाव ने छोटे व्यापारियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। अतिक्रमण हटाने, साफ-सफाई, सुंदर मार्गों का निर्माण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं ने शहर को नई दिशा दी है। स्थानीय लोगों का मानना है कि राम मंदिर अब सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला स्तंभ बन चुका है। लोगों की उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में अयोध्या विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित होगी और यहां की अर्थव्यवस्था और भी सशक्त रूप लेगी।

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