सार

यूपी के आयुष कॉलेजों में एडमिशन में हुए घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को यह आदेश दिया। पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की भूमिका की भी जांच होगी।

लखनऊ। यूपी के आयुष कॉलेजों में एडमिशन में हुए घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को यह आदेश दिया। पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की भूमिका की भी जांच होगी। यदि उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई तो सख्त कार्रवाई का भी आदेश दिया गया है।

अपर मुख्‍य सचिव की भूमिका की भी होगी जांच 

हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस राजीव सिंह याचिकाकर्ता डॉ. रितु गर्ग की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। डॉ. गर्ग को सशर्त जमानत ​मिल देते हुए कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया। पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की भूमिका की भी जांच होगी।

पूर्व मंत्री के निजी सचिव ने उगला था राज

पिछले साल नवम्बर में आयुष कॉलेजों के दाखिले में घोटाले का मामला खूब उछला। योगी सरकार भी इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर चुकी है। पर अब तक इस प्रकरण में सीबीआई जांच शुरु नहीं हो सकी थी। अब कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि उन पर आयुष कॉलेजों की मान्यता के​ लिए पैसे लेने का आरोप है। उनके पूर्व सचिव राजकुमार दिवाकर ने पूछताछ में यह राज उगला था। 

क्‍या है मामला?

वैसे यह पूरा मामला NEET 2021 की परीक्षा से जुड़ा है। उसमें बड़ी धांधली का आरोप है। एग्जाम में कम मेरिट के 891 छात्रों को यूपी के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में दाखिला दिया गया था। आयुर्वेदिक कॉलेज में दाखिले में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां सामने आई थीं। तभी से लगातार ये सवाल उठ रहे थे कि मेरिट में कम अंक पाने वाले छात्रों को कैसे अच्छे कॉलेजों में प्रवेश मिल गया। इनमें से कुछ छात्र तो ऐसे थे कि जिन्होंने नीट का एग्जाम दिया ही नहीं था। फिर भी उन्हें अच्छे कॉलेजों में एडमिशन मिल गया। इस मामले में राजधानी के हजरतगंज थाने में केस दर्ज कराय गया था और एसटीएफ मामले की जांच कर रही थी।