Azamgarh Bypass Road: आजमगढ़ में बनने वाली रिंग रोड से लोगों को जाम से राहत मिलेगी। 15.7 किमी लंबे बाईपास से भारी वाहन शहर में प्रवेश किए बिना निकल सकेंगे। 23 गांवों की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू, NHAI तैयार कर रहा है डीपीआर।
Azamgarh Ring Road: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से जिस रिंग रोड की मांग की जा रही थी, उसे अब शासन की स्वीकृति मिल चुकी है। इसका सीधा फायदा शहरवासियों को ट्रैफिक जाम से निजात के रूप में मिलेगा। भारी वाहनों को अब शहर में प्रवेश नहीं करना होगा, जिससे शहर की सड़कों पर दबाव कम होगा और आवाजाही सुगम हो सकेगी।
रिंग रोड कहां से कहां तक और क्यों है यह इतना जरूरी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्तावित रिंग रोड का निर्माण वाराणसी-लुंबिनी एनएच-233 के सेमरहा रानी की सराय गांव से शुरू होकर बैठौली बाईपास होते हुए प्रयागराज-दोहरीघाट-गोरखपुर मार्ग पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बम्होर स्थान तक होगा। यह कुल लगभग 15.7 किलोमीटर लंबा मार्ग होगा। इसका उद्देश्य साफ है—शहर में प्रवेश किए बिना ही भारी वाहनों को बाहरी रास्ते से गुजारना।
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भारी वाहनों की वजह से क्यों बिगड़ रही थी शहर की सूरत?
आजमगढ़ शहर में दिन-प्रतिदिन ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है, खासकर भारी वाहनों की वजह से। मुख्य मार्गों पर घंटों जाम लग जाना आम हो गया है, जिससे न केवल आम लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है बल्कि व्यापार, आपात सेवाएं और स्कूली बच्चे भी प्रभावित होते हैं। रिंग रोड बनने से यह दबाव शहर के बाहर शिफ्ट हो जाएगा।
23 गांवों की ज़मीन होगी अधिग्रहित, किसे मिलेगा मुआवज़ा?
रिंग रोड निर्माण के लिए 23 गांवों की 94.59 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इन गांवों में बलेनाडी, चकदुबे, बदरुद्दीनपुर, बिहरोजपुर, बैठोली, शाहगढ़, दौलतपुर, सरदापुर चक, नीबी खुर्द, मोहब्बतपुर, महालिय और बम्हौर शामिल हैं। इसके अलावा खैरपुर जगजीवन, मोलनापुर माफी, ऊंचागांव, तमोली, जीरकपुर, अबू सैदपुर, सरायसदी, गौरडीहा आयमा और गौरड़िया खालसा जैसे गांवों की ज़मीन भी इसमें आएगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इन गांवों का सर्वे भी शुरू कर दिया है और अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।
रिंग रोड से क्या बदल जाएगा आजमगढ़ में?
इस रिंग रोड के बन जाने के बाद आजमगढ़ के लोगों को न केवल जाम से राहत मिलेगी, बल्कि यह सड़क शहर के विकास में भी एक अहम भूमिका निभाएगी। समय की बचत, ईंधन की बचत और सड़क सुरक्षा—तीनों ही क्षेत्रों में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही, व्यापारिक आवागमन भी आसान होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
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