सार

यूपी के सात साल के मासूम के साथ जो हुआ रोंगटे खडे़ कर देने वाला है। मासूम को कुत्ते ने काटा तो परिजनों ने ही घर में कोई दवा खिला दी। कुछ दिन बाद मासूम पर कुत्ता काटने का असर दिखने लगा। बालक कुत्ते की तरह व्यवहार करने लगा और फिर दम तोड़ दिया। 

फिरोजाबाद। अगर कभी कुत्ता काट ले तो गलती से भी इगनोर न करें। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में 7 साल के मासूम के साथ जो हुआ वह सभी पैरेंट्स को चिंता में डाल देने वाला है। मासूम को कुछ दिन पहले कुत्ता काट लिया था लेकिन पैरेंट्स ने उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगवाया था। ऐसे में 29 फरवरी से बच्चा कुत्ते जैसा व्यवहार करने लगा। आखिरकार उसकी सांसें थम गईं। ये घटना एक चेतावनी भी है कि यदि कभी कुत्ता या कोई भी अन्य जानवर या किसी तरह का जीव-जंतु काटे तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। 

डॉक्टर के पास जानें में देर न करें
सात साल के मासूम में कुत्ते जैसी हरकतें देखने पर परेशान परिजन जब डॉक्टर के पास गए और पूरी घटना बताई तो वह भी हैरान रह गए। बाद में एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं लगवाने की बात पता चली तो उन्होंने बीमारी का यही कारण बताया। डॉक्टर ने मासूम को रेबीज का शिकार बताया और अन्य घर वालों को उससे सतर्क रहने को भी कहा।

कभी-खभी कुत्ते जैसे भौंकने लगता, पानी देखकर डरने लगा था 
जिले के थाना खैरगढ़ क्षेत्र में ग्राम हाथवंत के रहने वाले मुन्नेश कुमार के 7 साल के बेटे सचिन को कुछ दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था। परिजनों ने इंजेक्शन लगवाने के बजाए उसे कोई दवा खिला दी थी। सचिन की तबीयत 29 तारीख को अचानक बिगड़ गई। वह मुंह से कुत्ते जैसी आवाज निकलने लगा। उसका व्यवहार भी बदल गया। पानी देखकर भी वह डरने लगा था। परिवार वाले उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे में रेबीज इन्फेक्शन फैलने की बात बताई। कुछ ही घंटों बाद सचिन धीरे-धीरे सुस्त पड़ता गया और उसकी मौत हो गई। 

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करीब तीन माह पहले काटा था कुत्ते ने 
घर वालों ने बताया कि सचिन दयाराम बघेल विद्यालय हाथवंत में पढ़ता था। तीन महीने पहले घर के पास खेलते वक्त उसे आवारा कुत्ते ने काट लिया था। इस दौरान परिजनों ने उसे कुत्ता काटने की दवा खिला दी थी। 29 फरवरी की रात को सचिन पर कुत्ता काटने के असर दिखने लगा। लाख कोशिश के बाद भी उसकी जान नहीं बच सकी 

इन बातों का रखें ध्यान

  • छोटे बच्चों को कभी भी घर से अकेले न जाने दें। 
  • घर के बाहर भी खेलते समय बच्चों पर नजर रखें।
  • कभी भी कुत्ता काटने पर लापरवाही न बरते और एंटी रैबीज लगवाएं
  • सभी इंजेक्शन टाइट टू टाइम लगवाएं और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
  • बच्चे में कोई भी अव्यवहारिक गतिविधि देखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।