शिक्षक दिवस 2025 पर CM योगी आदित्यनाथ ने 9 लाख शिक्षकों और स्टाफ के लिए कैशलेस इलाज सुविधा का ऐलान किया। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी, स्मार्ट क्लास, टैबलेट वितरण और बाल वाटिका जैसी योजनाओं का लोकार्पण भी हुआ।

लखनऊ के लोकभवन सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर स्टेट लेवल शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर CM योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लाखों टीचर्स को एक बड़ी सौगात दी।

उन्होंने घोषणा की कि अब उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षक कैशलेस इलाज सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यह सुविधा केवल प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा महाविद्यालयों के शिक्षकों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को भी शामिल करेगी।

CM योगी ने पर कहा- इस फैसले से लगभग 9 लाख शिक्षक परिवार को सीधा लाभ मिलेगा। किसी भी बीमारी या इमरजेंसी की स्थिति में अब टीचर्स और उनके रिश्तेदारों को आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने इसे शिक्षकों के योगदान के प्रति सरकार की कृतज्ञता का प्रतीक बताया।

इस कार्यक्रम में शिक्षकों का सम्मान किया गया, टैबलेट वितरण हुआ और स्मार्ट क्लास का लोकार्पण भी किया गया।

जल्द पूरी होंगी प्रक्रियाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश भर के सभी शिक्षकों से कहना चाहता हूँ कि आप अच्छा काम कीजिए, सरकार आपके साथ है। शिक्षक दिवस पर यह घोषणा करते हुए खुशी है कि अब सभी शिक्षक कैशलेस इलाज की सुविधा पाएंगे। इसके साथ ही शिक्षामित्र, अनुदेशक और रसोईए भी इसका हिस्सा होंगे।”

उन्होंने विभागों को निर्देश दिया कि बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएँ पूरी करें और तय समय सीमा में इस सुविधा को लागू करें।

शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि शिक्षामित्रों और इंस्ट्रक्टर का मानदेय बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार जल्द ही पॉजिटिव डिसीजन लेगी। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग शिक्षा अभियान को मजबूती देने में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।

ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं।

  • ऑपरेशन कायाकल्प में 1.36 लाख स्कूल को 19 बेसिक फैसिलिटी से जोड़ा गया।
  • प्रोजेक्ट अलंकार के जरिए 2,100 विद्यालयों में नए भवन और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया गया।
  • निपुण भारत मिशन और बाल वाटिका जैसी योजनाएँ बच्चों की भाषा, गणित और बुनियादी शिक्षा को मजबूत बना रही हैं।

नकल मुक्त परीक्षाएं और पारदर्शिता

सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले यूपी बोर्ड नकल का अड्डा बन चुका था। बाहर से भी विद्यार्थी यहाँ आकर नकल के सहारे परीक्षा पास कर लेते थे। लेकिन अब CCTV निगरानी में परीक्षाएँ हो रही हैं। 56 लाख विद्यार्थी परीक्षा देते हैं और एक माह में परिणाम घोषित हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि अब यूपी बोर्ड का छात्र किसी भी बोर्ड से कम नहीं है।

यूपी अब नकारात्मकता से बाहर

मुख्यमंत्री ने कहा, “शिक्षक जीवनभर शिक्षक ही रहते हैं। उनका महत्व नौकरशाह या नेता से भी ऊपर है, क्योंकि वे राष्ट्र की नींव गढ़ते हैं।”

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले यूपी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामले में पिछड़ा हुआ था। परीक्षाएँ नकल और अराजकता का प्रतीक थीं। लेकिन अब जब यूपी शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है, तब कुछ लोग नकारात्मक माहौल बनाकर प्रदेश को पीछे ले जाना चाहते हैं।

दुष्प्रचार के बीच शिक्षकों के नवाचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब स्कूल मर्जर और बाल वाटिका को लेकर दुष्प्रचार हो रहा था, उसी समय कई विद्यालयों ने अपने नवाचारों से उदाहरण पेश किए।

सुल्तानपुर, वाराणसी और अन्य जिलों के विद्यालयों ने अपने प्रयासों से यह साबित किया कि सरकारी स्कूल भी कॉन्वेंट और प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि परंपरा से हटकर किया गया कार्य ही नवाचार कहलाता है और वही समाज के लिए प्रेरणा बनता है।

शिक्षक बनाम नेता और नौकरशाह

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले यूपी बोर्ड को कटघरे में खड़ा किया जाता था, लेकिन अब यह नवाचार और सुधार के साथ देश का गौरव बन रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक किसी नौकरशाह या नेता से कम नहीं होते, बल्कि समाज को दिशा देने वाले पथप्रदर्शक होते हैं।

उन्होंने उदाहरण दिया कि अरुणाचल से लेकर मध्यप्रदेश तक आज भी यूपी के शिक्षक अपनी उत्कृष्ट शिक्षा के लिए सम्मानित हैं।

बाल वाटिका- शिक्षा की नई नींव

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप 3 से 6 साल के बच्चों के लिए बाल वाटिका की शुरुआत की गई है। इस सत्र में प्रदेश में 5000 से अधिक बाल वाटिकाएँ खुल चुकी हैं, जिनमें 25,000 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई शुरू कर चुके हैं।

इन बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों और मुख्यमंत्री पोषण मिशन से भी जोड़ा गया है, ताकि शिक्षा के साथ उनका स्वास्थ्य भी सशक्त हो।

शिक्षकों के नवाचार को मिले प्रोत्साहन

सीएम योगी ने कहा कि बाल वाटिका की पुस्तिकाएँ आसान और रोचक हों, ताकि बच्चे खेल-खेल में सीखें। पोषण मिशन के तहत बच्चों को आकर्षक और पौष्टिक भोजन दिया जाए।

उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों ने शिक्षा में नवाचार किए हैं, उनके उदाहरणों को प्रकाशित कर सभी विद्यालयों तक पहुँचाना चाहिए। इससे अन्य शिक्षक भी प्रेरित होंगे और बच्चों के लिए शिक्षा जगत में नई दिशा बनेगी।

समारोह में शामिल अतिथि

इस मौके पर सेकेंडरी एजुकेशन मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, चीफ सेक्रेटरी सचिव दीपक कुमार और स्कूल शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा के साथ राज्य भर से आए शिक्षक मौजूद थे।