संविधान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में प्रस्तावना का सशपथ पाठन कराया। कार्यक्रम में कर्तव्यों, विकसित भारत के संकल्प और संविधान सम्मान पर जोर दिया गया। सीएम ने कहा कि कर्तव्य पालन से ही लोकतंत्र मजबूत होता है।
लखनऊ। लोकतंत्र सिर्फ कागजों पर लिखा एक दस्तावेज नहीं, बल्कि सोच, संस्कार और जिम्मेदारी का ऐसा संगम है जो देश को दिशा देता है। संविधान दिवस के मौके पर लोकभवन के सभागार में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हजारों लोगों के साथ प्रस्तावना का सशपथ पाठन कराया, तो वातावरण में भारतीय संविधान की आत्मा गूंजती सुनाई दी। कर्तव्यों और अधिकारों के संतुलन पर आधारित यह संदेश सिर्फ समारोह भर नहीं, बल्कि नागरिक चेतना को जगाने का आह्वान था।
संविधान की उद्देशिका का सशपथ पाठन, अतिथियों ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस के अवसर पर लोकभवन में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक सशपथ पाठन कराया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुई। इस दौरान संविधान निर्माण पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। सीएम योगी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया।
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कर्तव्य के बिना अधिकार संभव नहीं: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारों की बात करना आसान है, लेकिन लोकतंत्र तब मजबूत होता है जब नागरिक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करता है। उन्होंने कहा कि आजादी की वास्तविक कीमत देशवासी भूलते जा रहे हैं, क्योंकि अधिकांश लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम का दर्द और संघर्ष नहीं देखा। योगी ने स्पष्ट कहा कि कर्तव्य निभाने की आदत ही अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, वरना लोकतंत्र कमजोर होने लगता है।
विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लिए 'पंचप्रण' जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव में दिए गए ‘विकसित भारत’ के संकल्प का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2047 में जब देश 100 वर्ष की आजादी का उत्सव मनाएगा, तब तक भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए हर नागरिक को पंचप्रण के साथ जुड़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता छोड़कर, सेना और वर्दीधारी बलों का सम्मान कर, समाज में एकता और समता बढ़ाकर ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
एक व्यक्ति की गलती पर पूरे सिस्टम को दोषी ठहराना उचित नहीं
कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति गलती करता है तो उसे सुधारने का अवसर देना चाहिए, न कि पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा करना चाहिए। उन्होंने चेताते हुए कहा कि अक्सर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए लोग सामाजिक वैमनस्य की खाई को चौड़ा करने की कोशिश करते हैं, जिससे समाज कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि एकता, विरासत और कर्तव्य भावना ही भारत को मजबूत बनाती है।
संविधान का अपमान करना स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है
सीएम योगी ने संविधान के प्रति सम्मान को हर नागरिक की जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सबसे पहले दिन से बिना भेदभाव के मताधिकार देता है और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनादर करना बाबा साहेब आंबेडकर, स्वतंत्रता सेनानियों और उन करोड़ों नागरिकों का अपमान है, जिन्होंने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत किया।
हर घर में होनी चाहिए संविधान की एक प्रति
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि देश के हर परिवार में संविधान की प्रति होनी चाहिए और प्रस्तावना का वाचन नियमित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान में शामिल विभिन्न चित्र भारतीय विरासत, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।
98 लाख से अधिक लोगों ने भेजे सुझाव, विकसित उत्तर प्रदेश की दिशा में बड़ा कदम
सीएम योगी ने बताया कि विकसित भारत की परिकल्पना को पूर्ण करने के लिए विकसित उत्तर प्रदेश जरूरी है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने नागरिकों को सुझाव देने के लिए पोर्टल जारी किया था, जिस पर अब तक 98 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर सहभागिता यह साबित करती है कि हर तबका व्यवस्था के साथ जुड़ना चाहता है और बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान देना चाहता है।
आत्मनिर्भर ग्राम से आत्मनिर्भर भारत की ओर
सीएम ने कहा कि आत्मनिर्भरता की शुरुआत गांव और वार्ड स्तर से होती है। यदि पंचायतें आत्मनिर्भर बनेंगी, तो जनपद, फिर प्रदेश और अंततः पूरा भारत आत्मनिर्भर होगा। यही विकसित भारत की ओर बढ़ने की सबसे मजबूत नींव है।
कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि और मंत्री रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, और कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्यप्रताप शाही, दारा सिंह चौहान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। साथ ही महापौर सुषमा खर्कवाल और अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत भी समारोह में शामिल हुए।
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