CM योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर से उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए 48 ट्रकों में राहत सामग्री रवाना की। यूपी सरकार ने उत्तराखंड व हिमाचल को 5-5 करोड़ की अतिरिक्त सहायता भी दी।

सहारनपुर, 08 सितंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहारनपुर से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री से भरे 48 ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह कार्यक्रम अंबाला रोड स्थित सरोवर पोर्टिको में हुआ। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा- राहत सामग्री मानवीय संवेदना की अहम कड़ी है। इस मुश्किल समय में UP की 25 करोड़ जनता इन तीनों प्रदेशों के भाइयों-बहनों के साथ है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को 5-5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी गई है।

सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब के नागरिकों के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में चल रहे एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि देश तेजी से विकास कर रहा है और आपदाओं से निपटने की क्षमता भी लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ, आपदा मित्र और स्थानीय पुलिस जैसी संस्थाएं लगातार राहत कार्य में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। सीएम योगी ने कहा कि जब समाज और स्वयंसेवी संगठन सरकार के साथ खड़े होते हैं, तो राहत कार्य और मजबूत होते हैं।

यूपी ने बाढ़ से बचाव के लिए किए पुख्ता इंतजाम

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ हमेशा बड़ी चुनौती रही है। इस साल अब तक राज्य बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति से बचा हुआ है, हालांकि कुछ इलाकों में जलभराव हुआ है। उन्होंने बताया कि समय पर किए गए प्रावधानों और व्यवस्थाओं के कारण बाढ़ पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया है। उन्होंने यमुना नदी क्षेत्र (सहारनपुर, बागपत, गौतम बुद्ध नगर से प्रयागराज तक), बिजनौर से बलिया तक गंगा के किनारे और सरयू, घाघरा, रामगंगा व हिंडन नदी वाले इलाकों में की गई व्यवस्थाओं का जिक्र किया। अगर कहीं जल ओवरफ्लो के कारण जन-धन की हानि हुई, तो सरकार ने तुरंत राहत सामग्री पहुंचाई है।

बाढ़ पीड़ित परिवारों को मुआवजा और मदद

सीएम योगी ने बताया कि बरसात के समय अगर किसी व्यक्ति की मौत जंगली जानवर, सांप या बिच्छू के काटने से होती है, तो परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। अगर किसी गरीब का मकान गिर गया, तो नया मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। जमीन या मकान नदी में बह गया या कटान में आ गया, तो परिवार को जमीन का पट्टा और मकान निर्माण की राशि दी जाती है। जिन गांवों में बाढ़ आई, वहां पीड़ितों को सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया गया और नाश्ता, दोपहर-शाम का भोजन, बच्चों के लिए दूध और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई।

उत्तराखंड और हिमाचल को अतिरिक्त सहायता

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो सामग्री बाढ़ पीड़ितों को दी जाती है, वही सामग्री आज 48 ट्रकों के जरिए उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब के लिए भेजी गई है। उन्होंने बताया कि बादल फटने और अतिवृष्टि से उत्तराखंड और हिमाचल में बड़ी तबाही हुई है। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार और जनता की ओर से दोनों राज्यों को पांच-पांच करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जा रही है।

UP सरकार के मंत्री और विधायक लेकर जाएंगे सहायता

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर बृजेश सिंह उत्तराखंड जाएंगे और मंत्री जसवंत सैनी हिमाचल प्रदेश में राहत सामग्री और धनराशि लेकर पहुंचेंगे। पंजाब के लिए सहारनपुर के विधायक राजीव गुम्बर राहत सामग्री लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रतिनिधि वहां जाकर यूपी के लोगों की भावनाएं और संवेदनाएं प्रेषित करेंगे। सीएम ने कहा कि अगर और मदद की जरूरत होगी, तो उत्तर प्रदेश सरकार और यहां की जनता हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है।

सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव- CM योगी

सीएम योगी ने जनता से अपील की कि आपदा के समय सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि ज्यादा पानी आने पर डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं, इसलिए पानी उबालकर पिएं। घर के आसपास पानी जमा न होने दें ताकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां न फैलें। सफाई और छिड़काव का ध्यान रखें। अगर सांप या जहरीला कीड़ा काटे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। हर सीएचसी और जिला अस्पताल में वैक्सीन उपलब्ध है। कुत्ता या जंगली जानवर काटे तो एंटी-रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं। उन्होंने कहा कि बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है।

सीएम योगी ने पत्रकारों से की बातचीत

पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बीते दिनों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि, बिजली गिरने और बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिनसे वहां के हालात बिगड़े हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार राहत कार्य कर रही हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फ्लड यूनिट, स्थानीय संगठन और स्वयंसेवी संस्थाएं सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों में जीवन पहले से ही कठिन होता है और आपदा वहां के जीवन को और ज्यादा प्रभावित करती है। ऐसे समय में देश के बाकी राज्यों का कर्तव्य बनता है कि वे मदद के लिए आगे आएं। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से यूपी ने बाढ़ प्रबंधन में बड़ी सफलता पाई है और अब अन्य राज्यों को भी हरसंभव सहायता दी जा रही है।

राहत सामग्री में क्या-क्या है

राहत सामग्री में आटा, चावल, अरहर की दाल, आलू, सरसों का तेल, नमक, हल्दी, मिर्च, मसाले, भुना चना, चना, लाई, चीनी, बिस्कुट, नहाने और कपड़े धोने का साबुन, डिटॉल, सेनेटरी पैड, तौलिया, सूती कपड़ा, बाल्टी, मग, तिरपाल, मोमबत्ती, माचिस और डिस्पोजल बैग जैसी जरूरी चीजें शामिल हैं। हर पैकेट में आटा 10 किलो, चावल 10 किलो, अरहर की दाल 2 किलो, आलू 10 किलो, सरसों का तेल 1 किलो, नमक 1 किलो, चीनी 1 किलो, भुना चना 2 किलो, चना 2 किलो, लाई 2.5 किलो, बिस्कुट के 10 पैकेट, साबुन, माचिस, मोमबत्ती और अन्य सामान दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि संकट की घड़ी में पीड़ित परिवारों को आसानी से जीवनयापन में मदद मिल सके।

इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह चौधरी, राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, मंत्री कुंवर बृजेश सिंह, विधायक कीरत सिंह, देवेन्द्र निम, महापौर डॉ. अजय कुमार, राजीव गुम्बर, मुकेश चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।