Yogi Adityanath Reforms: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने PWD अफसरों के वित्तीय अधिकार 5 गुना तक बढ़ा दिए हैं। अब अधिकारी खुद कामों को मंजूरी दे सकेंगे। साथ ही इंजीनियरों की पदोन्नति और वेतनमान से जुड़े नियमों में भी बड़ा बदलाव किया गया है।
Yogi Adityanath Big Decision: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक बढ़ाने का फैसला लिया है अब अधिकारी बड़े कामों को मंजूरी देने के लिए ऊपर के आदेश का इंतजार नहीं करेंगे। सीएम योगी का कहना है कि इससे काम की रफ्तार बढ़ेगी, समय बचेगा और पारदर्शिता भी बनी रहेगी। सरकार की बैठक में ये बात सामने आई कि PWD अफसरों के वित्तीय अधिकार साल 1995 में तय हुए थे। इस बीच निर्माण की लागत 5 गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हालात के मुताबिक नए अधिकार जरूरी हैं, ताकि काम समय पर पूरे हो सकें और निर्णय लेने में देरी न हो।
कौन-कौन से अफसरों को कितने अधिकार
सरकार ने अलग-अलग पदों पर बैठे अफसरों के अधिकार बढ़ाने का फैसला किया है। अब वे खुद टेंडर मंजूर कर सकेंगे, छोटे-बड़े कामों की स्वीकृति दे सकेंगे। नई व्यवस्था में मुख्य अभियंता (Chief Engineer) अब ₹2 करोड़ की जगह ₹10 करोड़ तक के काम मंजूर कर सकेंगे। अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer) ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ तक के कामों को मंजूरी दे सकेंगे। अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) ₹40 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ तक का अधिकार मिलेगा और सहायक अभियंता (Assistant Engineer) छोटे टेंडर और कार्यों की स्वीकृति का दायरा भी बढ़ेगा। यह बदलाव करीब 30 साल बाद हुआ है।
सेवा नियमों में भी बड़ा बदलाव
बैठक में इंजीनियरों की सेवा नियमावली (Rules) में भी बदलाव किए गए हैं। अब विद्युत और यांत्रिक विभाग के अफसरों के लिए नई पदोन्नति व्यवस्था और वेतनमान (Pay Scale) तय किए गए हैं। नई व्यवस्था में पहली बार मुख्य अभियंता (लेवल-1) का नया पद जोड़ा गया है। साथ ही मुख्य अभियंता (लेवल-2) और अधीक्षण अभियंता के पद भी बढ़ाए गए हैं।
प्रमोशन और वेतनमान हुआ पारदर्शी
अब पदोन्नति वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर होगी। सातवें वेतन आयोग के मुताबिक, हर पद के लिए स्पष्ट वेतनमान और पे लेवल तय किए गए हैं। इसके अलावा, सेलेक्शन कमेटी की व्यवस्था भी बदली गई है ताकि प्रमोशन ईमानदारी से और बिना देरी के हो सके।
समय के साथ बदलाव जरूरी- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘लोक निर्माण विभाग प्रदेश के विकास की रीढ़ है। अगर अफसरों को फैसले लेने की आजादी मिलेगी, तो काम की गुणवत्ता, गति और भरोसा तीनों बढ़ेंगे।’ सीएम ने यह भी कहा कि योग्यता और अनुभव के आधार पर सिस्टम को समयानुकूल बनाना ही असली सुधार है।
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