मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर लोकभवन में उनकी प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि दी। देशभर में संगोष्ठियों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए अटल जी के विचारों को स्मरण किया जाएगा।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर बुधवार को लखनऊ स्थित लोकभवन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकभवन परिसर में स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर उनकी पुण्य स्मृतियों को नमन किया।
राष्ट्रनिर्माण और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतीक थे अटल जी
अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में उनके राष्ट्रनिर्माण में योगदान, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और सार्वजनिक जीवन में अपनाई गई मर्यादित राजनीतिक शैली को स्मरण किया जा रहा है। लोकभवन परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम भी अटल जी के जीवन, विचार और कृतित्व को केंद्र में रखकर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
लोकभवन में आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व, कार्यशैली और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जन्म शताब्दी पर देशभर में होंगे स्मरण कार्यक्रम
गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में विविध स्मरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के माध्यम से अटल जी के विचारों, नीतियों और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
संगोष्ठियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होगी विरासत की प्रस्तुति
जन्म शताब्दी के अवसर पर संगोष्ठियां, प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक विरासत और सार्वजनिक जीवन के मूल्यों को सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाएगा। उनका व्यक्तित्व भारतीय राजनीति में संवाद, सहमति और राष्ट्रहित के संतुलन का प्रतीक माना जाता रहा है।
प्रधानमंत्री के रूप में देश को दी नई दिशा
प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश ने राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक सुधारों और वैश्विक मंच पर नई पहचान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी कवि संवेदना और दूरदर्शी नेतृत्व आज भी सार्वजनिक जीवन के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।


