विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर माफिया कनेक्शन का आरोप लगाया। कोडीन तस्करी पर सख्त कार्रवाई, शीतकालीन सत्र की रूपरेखा और ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा की जानकारी दी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा माफिया रहा हो, जिसके संबंध समाजवादी पार्टी से न रहे हों। यह बात प्रदेश का हर नागरिक जानता है।
माफियाओं के सपा से संबंधों के शुरुआती सबूत मिले: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए कई अभियुक्तों के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पहले से ही अपनी कार्यप्रणाली को लेकर बदनाम रही है और इस मामले में भी उसकी भूमिका धीरे-धीरे उजागर होगी।
जांच पूरी होने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी होगा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अभी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है, इसलिए फिलहाल किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। लेकिन उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख द्वारा दिए जा रहे बयान उसी स्थिति को दर्शाते हैं, जैसा इस पंक्ति में कहा गया है-
यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन माफियाओं के साथ तस्वीरें सामने आ रही हैं, उनसे अवैध लेन-देन की सच्चाई भी जांच में सामने आएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष होगी और सच्चाई सामने आएगी।
कोडीन मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सफाई
कोडीन फॉस्फेट मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत आने वाली एक औषधि है, जिसका उपयोग कोडीन-युक्त कफ सिरप के निर्माण में किया जाता है। यह सिरप गंभीर खांसी के इलाज में प्रयोग होता है। कोडीन का कोटा और आवंटन सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा केवल अधिकृत दवा कंपनियों को ही दिया जाता है।
कफ सिरप के नशे के रूप में दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि कई स्थानों पर इस कफ सिरप का नशीले पदार्थ के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा था। अवैध तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाया। यूपी पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने इसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत मानते हुए कार्रवाई शुरू की।
STF, यूपी पुलिस और FSDA की संयुक्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे मामले में यूपी पुलिस, एसटीएफ और एफएसडीए मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक बड़े पैमाने पर अवैध तस्करी के मामलों का खुलासा हुआ है और कई गिरफ्तारियां की गई हैं। इस पूरे प्रकरण की निगरानी राज्य-स्तरीय एसआईटी कर रही है, जिसमें यूपी पुलिस और एफएसडीए के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
अवैध तस्करी से जुड़े पैसों की भी होगी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि एसआईटी इस बात की भी जांच कर रही है कि अवैध तस्करी से अर्जित धन कहां-कहां गया। पूरे नेटवर्क की परतें खोली जाएंगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
24 दिसंबर तक चलेगा उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने सत्र में भाग लेने आ रहे सभी माननीय सदस्यों का स्वागत किया। इस दौरान जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा, विकास से संबंधित विधायी कार्य और विभिन्न विभागों की अनुपूरक मांगों पर विचार किया जाएगा।
‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सत्र में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विशेष चर्चा होगी। इसके रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के योगदान को याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थापना-तिथि और ‘वंदे मातरम्’ को संवैधानिक मान्यता मिलने की तिथि एक ही है, जिससे यह चर्चा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
शोक प्रस्ताव के कारण पहले दिन सीमित कार्यवाही
मुख्यमंत्री ने बताया कि विधानसभा के एक वर्तमान सदस्य के आकस्मिक निधन के कारण सदन में शोक प्रस्ताव रखा जाएगा। इस वजह से पहले दिन संभवतः कोई अन्य विधायी कार्यवाही नहीं हो पाएगी। हालांकि, विधान परिषद में यदि कोई विषय उठता है तो सरकार उसका जवाब देगी।
सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने साफ कर दिया है कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार विकास से जुड़े विषयों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है और सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग की अपेक्षा करती है।
लोकतंत्र को मजबूत करने में विधानमंडल की भूमिका अहम
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा विधानमंडल निरंतर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब विधानसभा जैसे लोकतंत्र के पवित्र मंच चर्चा और संवाद के केंद्र बनते हैं, तब जनप्रतिनिधि जनता के विश्वास पर खरा उतरता है।
मतदाता सूची पुनरीक्षण के कारण सीमित अवधि का सत्र
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार चाहती थी कि सत्र अधिक दिनों तक चले, लेकिन अधिकांश जनप्रतिनिधि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम में व्यस्त हैं। यह लोकतंत्र की पारदर्शिता और शुचिता के लिए आवश्यक है। इसी कारण सत्र की अवधि 24 दिसंबर तक तय की गई है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह सत्र उत्तर प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।


