सार

Uttar Pradesh crime: फतेहपुर में चुनावी रंजिश के चलते एक परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। गांव में तनाव का माहौल है और पुलिस जांच में जुटी है।

Fatehpur triple murder case: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां चुनावी रंजिश ने एक ही परिवार के तीन लोगों की जान ले ली। हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में सुबह-सुबह तीन गोलियों की आवाजें गूंजीं और पल भर में गांव मातम में डूब गया। पुलिया के पास खेतों की ओर जा रहे ग्राम प्रधान के दो बेटे और एक पौत्र को गोलियों से भून दिया गया।

पुलिया पर बिछी थीं लाशें, किसी को भागने का मौका नहीं मिला

हत्या इतनी सुनियोजित थी कि किसी को भागने का मौका तक नहीं दिया गया। नलकूप के पास की पुलिया पर तीनों शव त्रिकोणीय स्थिति में पड़े मिले। अनूप सिंह का शव पुलिया की खंती में था, जिससे स्पष्ट है कि उसने जान बचाने की कोशिश की थी। उसकी कनपटी में गोली मारकर हत्या की गई। वहीं भाकियू नेता पप्पू सिंह का शव पुलिया के बाईं ओर मिला, जिसकी कमर के नीचे गोलियां मारी गईं। उसके बेटे अभय को सीने में गोली मारी गई थी। यह दृश्य देखकर गांव वालों के होश उड़ गए।

घटना की जड़ में एक छोटी सी बहस बताई जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार, विनोद सिंह उर्फ पप्पू दरवाजे पर खड़े थे, तभी पूर्व प्रधान सुरेश सिंह का बेटा पीयूष ट्रैक्टर लेकर निकला और घूरते हुए कुछ टिप्पणी कर गया। इस पर पप्पू नाराज़ हो गए और ट्रैक्टर का पीछा किया। पुलिया के पास दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और फिर अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई।

पूर्व प्रधान ने बेटों व साथियों संग रची साजिश

घटना की एफआईआर अनूप सिंह की पत्नी मनीषा की तहरीर पर दर्ज हुई है। आरोप है कि पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू ने अपने बेटों पीयूष, भूपेंद्र, सज्जन, विवेक और जान उर्फ विपुल के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। सभी आरोपी पहले से पुलिया पर घात लगाए बैठे थे और स्कॉर्पियो से मौके से फरार हो गए।

पुलिस जांच में सामने आया है कि विनोद सिंह और पूर्व प्रधान सुरेश सिंह पंचायत चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले थे। विनोद की बढ़ती लोकप्रियता से सुरेश सिंह चिढ़े हुए थे। वहीं, राशन कोटा और सरकारी जमीन को लेकर भी दोनों में विवाद था। विनोद ने कोटा बंद करवाया था और जमीन की पैमाइश कराकर कब्ज़ा छुड़वाया था, जिससे दुश्मनी और गहरी हो गई थी।

तनावपूर्ण माहौल, गांव में तैनात पुलिस व पीएसी

घटना के बाद गांव में भारी तनाव फैल गया। ग्रामीणों ने शव नहीं उठाने दिए और पुलिस के खिलाफ नाराजगी जताई। एसपी धवल जायसवाल ने मौके पर पहुंचकर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद चार घंटे की मशक्कत के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए और प्रयागराज से एडीजी भानु भास्कर व आईजी प्रेम कुमार भी जांच के लिए पहुंचे।

पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी पूर्व प्रधान सुरेश सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी की तलाश में पुलिस की 10 टीमें लगाई गई हैं। गांव में हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल व पीएसी की तैनाती की गई है।

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