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Fatehpur Triple Murder: ‘रास्ता दो’ की बहस से शुरू हुआ झगड़ा, एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या से दहला गांव
Fatehpur triple murder case: फतेहपुर के अखरी गांव में प्रधानी की रंजिश में तिहरा हत्याकांड! किसान नेता, बेटा और भाई की गोली मारकर हत्या। गांव में दहशत का माहौल, पुलिस जांच जारी।
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एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या से दहला गांव
Fatehpur Triple Murder: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के हथगांव थाना क्षेत्र के अखरी गांव में सोमवार देर शाम जो हुआ, उसने पूरे इलाके की रूह कंपा दी। तीन गोलियों की गूंज के साथ ही गांव की सड़कों पर तीन लाशें गिर पड़ीं, एक किसान नेता, उसका बेटा और भाई। ये वारदात सिर्फ तीन हत्याएं नहीं थीं, ये उस सिस्टम की असफलता की चीख थी जो कानून व्यवस्था के दावे करता है।
चुनावी रंजिश ने लिया खूनी मोड़, प्रधानी बना मौत की वजह
अखरी गांव में प्रधानी को लेकर दो गुटों के बीच वर्षों पुरानी दुश्मनी चल रही थी। मृतक अभय प्रताप सिंह न सिर्फ एक किसान नेता थे, बल्कि स्थानीय राजनीति में भी मजबूत पकड़ रखते थे। सोमवार को इस पुरानी रंजिश ने खूनी रूप ले लिया, जब गांव के पूर्व प्रधान और उनके बेटे ने अपने साथियों संग मिलकर गोलियों की बौछार कर दी।
‘रास्ता दो’ की बहस से शुरू हुआ खूनखराबा, चंद मिनटों में उजड़ गया परिवार
फॉरेंसिक टीम और चश्मदीदों के अनुसार, घटना की शुरुआत एक मामूली बात से हुई—ट्रैक्टर और बाइक को रास्ता देने का झगड़ा। लेकिन विवाद ने हिंसक रूप लिया और बदले की आग में तीन जिंदगियां राख हो गईं। ग्रामीण अभी तक सदमे में हैं और गांव में सन्नाटा पसरा है।
ट्रिप्पल मर्डर के बाद तीन गिरफ्तार, जांच जारी
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फतेहपुर के एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और छानबीन जारी है।
गांव बना पुलिस छावनी, तनाव और डर ने लिया हर कोना घेर
घटना के बाद अखरी गांव को सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह सील कर दिया गया है। जगह-जगह पुलिस तैनात है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने की तैयारी है। लेकिन इसके बावजूद गांव वालों के दिलों से डर निकला नहीं है, आंखों में आंसू और दिलों में दहशत है।
पीड़ित परिवार का दर्द—‘कई बार शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुना’
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने पहले भी कई बार धमकियों की शिकायत की थी लेकिन स्थानीय प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। अब जब घर का चिराग ही बुझ गया, तो न्याय की उम्मीद में वे दर-दर भटक रहे हैं।
क्या मिलेगा इंसाफ या फिर दफन हो जाएगी फाइलों में यह घटना ?
इस तिहरे हत्याकांड ने प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो चुके हैं। अब देखना ये है कि क्या इस खौफनाक घटना का कोई नतीजा निकलेगा या फिर ये भी एक और 'अनसुलझी फाइल' बनकर रह जाएगी।